Last Updated: Wednesday, October 5, 2011, 07:38
एजेंसी: रूस और चीन ने सीरिया के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के उस प्रस्ताव को वीटो के जरिए खारिज कर दिया है. इस वीटों में चेतावनी दी गई थी कि यदि राष्ट्रपति बशर असद की सरकार देश में विपक्ष के खिलाफ हिंसा जारी रखती है, तो सीरिया के खिलाफ प्रतिबंध लागू किए जाएंगे.
समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के यूरोपीय सदस्यों द्वारा तैयार और अमेरिका द्वारा समर्थित प्रस्ताव के मसौदे में इस बात का जिक्र है कि यदि असद सरकार, प्रस्ताव के पारित होने के बाद से 30 दिनों के भीतर विपक्ष पर अपनी कार्रवाई नहीं रोक पाती है तो उसे कड़े पाबंदियों का सामना करना पड़ सकता है.
रूस ने किसी भी तरह के प्रतिबंध लगाए जाने का कड़ा से विरोध किया. उसने इस मामले में लीबिया का उदाहरण पेश किया, जहां उत्तर अटलांटिक संधि संगठन यानी नाटो के देशों ने मुअम्मार गद्दाफी प्रशासन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के मामले में संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रदत्त अधिकारों का बड़े पैमाने पर अतिक्रमण किया.
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि मार्च में शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद से अबतक 2,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 21 सितम्बर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आग्रह किया था कि वह विपक्षी प्रदर्शनकारियों पर सीरियाई कार्रवाई के विरोध में सीरिया के खिलाफ नए प्रतिबंध लागू करे.
First Published: Wednesday, October 5, 2011, 15:12