यूएन सम्मेलन में गांधी के संदेशों की गूंज - Zee News हिंदी

यूएन सम्मेलन में गांधी के संदेशों की गूंज

 

दोहा : एक-दूसरे की संस्कृति के साथ जुड़े बिना कोई भी संस्कृति फल-फूल नहीं सकती है। महात्मा गांधी के इन संदेशों की गूंज दोहा के ‘संयुक्त राष्ट्र एलाएंस ऑफ सिविलाइजेशन फोरम’ में भी सुनाई दी।

 

ब्राजील के उपराष्ट्रपति माइकल टेमर ने सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में रविवार को कहा कि गांधीजी के आदर्श और सोच आज के समय में भी प्रासंगिक है। उन्होंने खासकर के गांधीजी की उस टिप्पणी का हवाला दिया कि यदि लोग अन्य संस्कृति के संपर्क में नहीं आते हैं तो कोई भी संस्कृति नहीं फल-फूल पाएगी। टेमर ने कहा कि विभिन्न मतों और विचारधाराओं के लोगों तक पहुंचने के लिए उनकी सरकार महात्मा गांधी के सिद्धांतों का अनुसरण करेगी।

 

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने युवाओं और महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए स5यताओं के बीच मेल-मिलाप की भूमिका को रेखांकित किया। विवादों के समाधान के लिए वार्ता और आपसी तालमेल को बढावा देने, सतत विकास पर उन्होंने जोर दिया।

 

उन्होंने कहा, जब आतंकवादी निर्दोष लोगों को मारते हैं, जब नेता घृणा और शोषण के आधार पर चुनाव जीतते हैं। जब राजनीतिक ध्रुवीकरण में सुधारवादी आवाज संघर्ष कर रहे हैं ऐसे समय में वैश्विक तालमेल के प्रयास काफी जरुरी हैं।  (एजेंसी)

First Published: Monday, December 12, 2011, 17:50

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