Last Updated: Monday, May 28, 2012, 14:06

संयुक्त राष्ट्र : सीरिया में हालात के बारे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक आपात बैठक बुलाई और वहां के होउला गांव में हुए नरसंहार की कड़ी निंदा की है। 25 मई से 26 मई तड़के तक हुए इस नरसंहार में 30 बच्चों, महिलाओं, पुरूषों सहित 108 लोग मारे गए थे।
शांतिबहाली अभियानों के उप महासचिव हर्वे लैडसौस द्वारा कल आयोजित सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में वीडियो लिंक के माध्यम से सीरिया में संयुक्त राष्ट्र के निगरानी मिशन :सुपरविजन मिशन: के प्रमुख जनरल रॉबर्ट मूड ने भाग लिया। संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षक शनिवार को होम्स के समीप स्थित होउला गांव गए और लोगों के मारे जाने की पुष्टि की। इस घटना में सैकड़ों नागरिक घायल भी हुए हैं।
उन्होंने गोलाबारूद की जांच के बाद इस बात की भी पुष्टि की कि इलाके में टैंकों और तोपों से गोले दागे गए थे। परिषद को भेजे गए एक पत्र में महासचिव बान की मून ने कहा है कि व्यापक जानकारी नहीं है लेकिन हम पुष्टि कर सकते हैं कि वहां तोपों और मोर्टार का प्रयोग हुआ। करीब से गोली मारने और गंभीर शारीरिक दुर्व्यवहार सहित अन्य तरह की हिंसा भी हुई।
एक बयान में परिषद ने नरसंहार की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा है कि नागरिकों के खिलाफ इस तरह का बल प्रयोग अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है। यह, हर तरह की हिंसा समाप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों 2042 और 2043 के तहत सीरिया सरकार द्वारा जताई गई प्रतिबद्धता का भी उल्लंघन है।
सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने दोहराया कि सभी पक्षों को हर तरह की हिंसा पर रोक लगानी चाहिए और हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। परिषद के सदस्यों ने मांग की कि सीरिया सरकार को भारी हथियारों का उपयोग तत्काल बंद करना चाहिए और अपने सैनिकों को वापस बुला कर उनकी बैरकों में भेजना चाहिए। कल बान की मून, रॉबर्ट मूड और सीरिया के लिए अरब देशों की लीग और संयुक्त राष्ट्र के विशेष संयुक्त दूत कोफी अन्नान ने बयान जारी किए जिसमें उन्होंने नरसंहार की घटना की कड़ी निंदा की है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने की मांग की है। महासभा के अध्यक्ष नसीर अब्दुलअजीज अल नसीर ने भी नरसंहार की घटना की घोर निंदा करते हुए कहा है कि आबादीबहुल पड़ोस में इस तरह लोगों को मारना अंतरराष्ट्रीय कानून का और सीरिया द्वारा जताई गई प्रतिबद्धता का उल्लंघन है।
यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक की प्रवक्ता साराह क्रोवे ने कहा कि जो लोग, खास कर बच्चे हिंसा का भाग नहीं हैं फिर भी उनके खिलाफ इस तरह के अपराध होने से लगता है कि सीरिया में संकट का समाधान कितना जरूरी है। इस नरसंहार के दोषियों को बख्शा नहीं जा सकता। (एजेंसी)
First Published: Monday, May 28, 2012, 14:06