रूस में भगवद्गीता पर लगेगा प्रतिबंध? - Zee News हिंदी

रूस में भगवद्गीता पर लगेगा प्रतिबंध?

ज़ी न्यूज ब्यूरो
मास्को : हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ भगवद्‍ गीता को रूस में कट्टरपंथी साहित्य मानते हुए प्रतिबंध लगाए जाने की आशंका पैदा हो गई है। पब्लिक प्रॉसिक्यूटरों ने गीता पर प्रतिबंध लगाने के लिए साइबेरिया के तोमस्क शहर की एक कोर्ट में मामला दर्ज कराया है। इस पर सोमवार को अदालत अपना अंतिम फैसला सुनाएगी।

 

भगवद् गीता के बारे में यह अंतिम फैसला प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का रूस दौरा समाप्त होने के ठीक दो दिन बाद आने वाला है। मनमोहन सिंह रूसी राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव के साथ द्विपक्षीय शिखर बैठक के लिए 15 से 17 दिसम्बर तक रूस के दौरे पर थे। यह मामला तोमस्क की अदालत में इस वर्ष जून से चल रहा है। इस मामले में इस्कान के संस्थापक ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद द्वारा हिंदु ग्रंथ पर रचित 'भगवद् गीता एस इट इज' पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है और इसे सामाजिक विषमता फैलाने वाला साहित्य घोषित किया गया है। साथ ही रूस में इसके वितरण को अवैध घोषित करने की भी मांग की गई है।

 

मास्को में बसे भारतीयों (लगभग 15,000), और इस्कान के अनुयायियों ने मनमोहन सिंह और उनकी सरकार से अपील की है कि वे भगवद् गीता के पक्ष में इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कूटनीतिक प्रयास करें। भगवद् गीता, महर्षि वेद व्यास द्वारा रचित महाभारत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। रूस में इस्कान के अनुयायियों ने भी नई दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने के लिए लिखा है।

 

हिंदुओं ने अदालत में कहा है कि यह मामला धार्मिक पक्षपात और रूस के एक बहुसंख्यक धार्मिक समूह की असहिष्णुता से प्रेरित है। हिंदुओं ने मांग की है कि धार्मिक परम्पराओं के पालन के लिए उनके अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए।

First Published: Sunday, December 18, 2011, 11:20

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