Last Updated: Tuesday, October 1, 2013, 14:54
वाशिंगटन : अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के बीच न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर आयोजित मुलाकात एक सकारात्मक कदम है और इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध सुधरेंगे।
हालांकि ओबामा प्रशासन ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच वार्ता के परिणामों का सार्वजनिक मूल्यांकन करने से परहेज़ किया। अमेरिका दोनों देशों के बीच शांति प्रक्रिया को बहाल करने के लिए प्रोत्साहित करता रहा है।
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जेन प्साकी ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम भारत और पाकिस्तान के बीच उच्च स्तरीय वार्ता का स्वागत करते हैं। इससे उनके द्विपक्षीय संबंधों में सुधार होगा।’
प्साकी ने कहा, ‘जैसा कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पिछले सप्ताह कहा था कि दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण ढंग से तनाव कम होने में हमारा हित है। हम उनके द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं में सुधार के लिए भारत और पाकिस्तान के प्रयासों को समर्थन देना जारी रखते हैं और हम आगामी वार्ता को प्रोत्साहित करते हैं।’
सिंह ने शरीफ के साथ एक घंटे तक चली बातचीत में पाकिस्तानी सरजमीं से पैदा होने वाले आतंकवाद के मुद्दे को उठाया तथा इस्लामाबाद से कहा कि वह सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने के लिए और अधिक कदम उठाए।
सिंह और शरीफ की मुलाकात के परिणाम के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा, ‘मूल्यांकन करना हमारा काम नहीं है ,लेकिन दोनों देशों के बीच बातचीत एक सकारात्मक कदम है और हम इसे प्रोत्साहन देना जारी रखेंगे।’
कश्मीर से जुड़े एक प्रश्न पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि इस मसले पर अमेरिका के रख में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा, ‘कश्मीर पर हमारा रख नहीं बदला हैं। हमारा अब भी मानना है कि कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान की वार्ता की गति, दायरे और चरित्र का निर्धारण करना दोनों देशों का काम है और हम इस वार्ता को प्रोत्साहित करना जारी रखेंगे।’ (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 1, 2013, 14:54