सीरिया मुद्दे पर सहमति बनाने में नाकाम रहे जी-20 के नेता

सीरिया मुद्दे पर सहमति बनाने में नाकाम रहे जी-20 के नेता

सीरिया मुद्दे पर सहमति बनाने में नाकाम रहे जी-20 के नेता सेंट पीटर्सबर्ग : कथित रासायनिक हमले को लेकर सीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने की अमेरिका की योजना के कारण खड़े हुए मौजूदा संकट के समाधान पर सहमति बनाने के लिए यहां जी-20 के नेताओं की ओर से किया प्रयास नाकाम साबित हुआ है।

रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर अपने अमेरिकी समकक्ष बराक ओबामा से मुलाकात की तथा दोनों के बीच सीरिया संकट को लेकर बातचीत हुई। बाद में पुतिन ने कहा कि इस मुलाकात से दोनों नेताओं के बीच सीरिया को लेकर पहले से मौजूद मतभेद खत्म नहीं हुए।

पुतिन ने संवाददाताओं से कहा,‘हमने बैठकर बातचीत की है। यह रचनात्मक, सार्थक, सौहार्दपूर्ण बातचीत रही। हम दोनों ने अपनी अपनी राय रखी।’ पुतिन के विदेश नीति मामलों के प्रमुख सहयोगी यूरी उशाकोव ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे की बातचीत के बाद भी मतभेद कायम थे।

अमेरिका का आरोप है कि सीरिया के असद शासन की ओर से बीते 21 अगस्त को किए गए रासायनिक हमले में 400 बच्चों सहित कम से कम 1,429 लोगों की मौत हो गई। सीरियाई सरकार ने रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल से इंकार किया है।

ओबामा ने बीती रात भोज के दौरान जी-20 के दूसरे प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। इस दौरान अलग-अलग विचार उभरकर सामने आए। रात्रिभोज के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र की अनुमति के बगैर सीरिया के खिलाफ किसी भी सैन्य कार्रवाई का विरोध करता है।

योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने बताया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यह विचार जाहिर किया कि विश्व समुदाय को सीरिया में रासायनिक हथियारों के कथित इस्तेमाल पर संयुक्त राष्ट्र निरीक्षकों की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए।

रात्रिभोज में शरीक हुए अहलूवालिया ने यहां संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री ने जी-20 के अपने साथी नेताओं से यह भी कहा कि भारत रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की निंदा करता है, चाहे वह सीरिया में हो या दुनिया में कहीं और हो।

सिंह ने नेताओं से यह भी कहा कि सीरिया में जो कुछ हुआ उस बारे में स्पष्ट होने की जरूरत है। सेंट पीटर्सबर्ग में मौजूद फ्रांस के एक अधिकारी ने बताया कि कई नेताओं को इसको लेकर संदेह था कि कथित रासायनिक हमले के पीछे असद शासन का हाथ है। (एजेंसी)

First Published: Friday, September 6, 2013, 21:24

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