Last Updated: Friday, April 12, 2013, 12:19

वाशिंगटन : सीरिया में मानवीय संकट गहरा जाने को रेखांकित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने देश में राजनीतिक बदलाव की तत्काल जरूरत पर बल दिया है। ओबामा ने कल व्हाइट हाउस के ओवल आफिस में संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून से मुलाकात के बाद कहा, ‘‘ जाहिर है कि मानवीय संकट (सीरिया में) गहरा गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ महासचिव बान और मैं इस विचार से सहमत हैं कि हम एक नाजुक मोड़ पर खड़े हैं। हमारे लिए वहां एक ऐसा राजनीतिक बदलाव लाना महत्वपूर्ण है जो सभी सीरियाई लोगों के अधिकारों का सम्मान करे। हमें नागरिकों और गैर लड़ाकू समूहों को निशाना बनाकर किए जा रहे नरसंहार को खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि अमेरिका , सीरिया में मानवीय सहायता प्रदान करने वाला सबसे बड़ा दानदाता है और सीरियाई विपक्ष के उदारवादी तत्वों का समर्थन करता है। अमेरिका संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर , संकट का पूर्ण समाधान संभव नहीं है तो कम से कम सीरियाई लोगों के लिए कुछ सुधार तो करेगा और राजनीतिक बदलाव की नींव रखेगा जो जरूरी है।’’ सीरिया के हालात को ‘‘बेहद परेशानीभरा’’ बताते हुए बान ने कहा कि विश्वभर में नेताओं को सीरियाई नेतृत्व का मुकाबला करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने राष्ट्रपति ओबामा से कहा है कि वह सुरक्षा परिषद के महत्वपूर्ण सहयोगियों के साथ मिलकर काम करने में अपने मजबूत नेतृत्व का परिचय दें।’’
बान ने कहा, ‘‘ दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि यह संकट पिछले तीन साल से जारी है। इसका कोई राजनीतिक समाधान नहीं निकला है और 70 हजार से अधिक लोग मारे गए हैं तथा 50 फीसदी से अधिक स्कूल, अस्पताल तथा अन्य ढांचागत सुविधाएं नष्ट हो गयी हैं।’’ संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि संकट के चलते 60 लाख से अधिक लोग देश के भीतर विस्थापित हुए हैं जबकि 13 लाख लोगों ने सीरिया के पड़ोसी देशों में शरण ले रखी है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम हरसंभव मानवीय सहायता उपलब्ध करा रहे हैं और मैं राष्ट्रपति ओबामा तथा उनकी सरकार द्वारा दिल खोलकर मुहैया करायी जा रही मानवीय सहायता की वास्तव में सराहना करता हूं ।’’ बान ने कहा, ‘‘ रासायनिक हथियारों की जांच के मामले में , मुझे अफसोस है कि सीरियाई सरकार ने जांच में शामिल हेाने की मेरी पेशकश ठुकरा दी। ’’ उन्होंने उम्मीद जतायी कि सीरियाई सरकार जांच दल को जांच करने की अनुमति देगी। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे संयुक्त राष्ट्र के अन्य सदस्य देशों की ओर से आवेदन मिले हैं और मैंने अनुभवी विशेषज्ञों की टीम जुटाई है । उन्हें कभी भी जल्द ही तैनात किया जा सकता है।’’ (एजेंसी)
First Published: Friday, April 12, 2013, 12:15