Last Updated: Tuesday, February 7, 2012, 13:03
नई दिल्ली: सीरिया में लोकतंत्र के लिए अंतर्राष्ट्रीय अभियान चला रहे एक सीरियाई ने मंगलवार को पश्चिम पर आरोप लगाया कि वह सीरिया में सत्ता परिवर्तन के लिए जो-तोड़ कोशिश कर रहा है।
राष्ट्रपति अल-असद के निर्वासित चचेरे भाई, रिबल अल-असद ने कहा कि पश्चिम, सीरिया में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन को हाईजैक करने के बाद मौजूदा क्रूर शासन से भी बहुत बुरा समाधान पेश कर सकता है।
सीरिया में ऑर्गनाइजेशन फॉर डेमोक्रेसी एंड फ्रीडम के संस्थापक एवं निदेशक रिबल, यहां ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन में बोल रहे थे।
असद ने पश्चिम पर आरोप लगाया कि वह सीरिया में सत्ता परिवर्तन की जिम्मेदारी तुर्की जैसे देशों को सौंप रहा है, जो कि कट्टरपंथी ताकतों का समर्थन करते हैं।
असद, इमाम फाउंडेशन के भी अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा, पश्चिम का तथाकथित समाधान मौजूदा समस्या से कहीं अधिक घातक हो सकता है। यदि सत्ता कट्टरपंथियों के हाथों गई, तो बहुत बुरा होगा। बड़ी तादात में लोग ऐसा नहीं चाहते।
असद ने कहा कि वह पश्चिम और अरब लीग द्वारा प्रस्तावित सैन्य समाधान के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि सीरिया संकट का सर्वोत्तम जवाब एक जनांदोलन खड़ा करना और विपक्षी दलों को एकजुट करना होगा।
असद ने कहा, हम वर्षो से लोकतंत्र की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमारा आंदोलन अरब अशांति से पहले शुरू हुआ था। लेकिन अब तुर्की, सऊदी अरब और कतर जैसे देशों के समर्थन से पश्चिम कट्टरपंथी ताकतों की मदद कर रहा है।
असद ने कहा, लोकतंत्र के लिए यह बहुत बुरा है। सीरिया में लोकतंत्र के लिए लड़ने वालों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है।
असद ने भारत को तथाकथित सत्ता समूहों से अलग बताया और आग्रह किया कि वह तुर्की व क्षेत्र के अन्य देशों पर दबाव बनाए कि वे खतरनाक कट्टरपंथियों को नजरअंदाज करें।
असद ने संयुक्त राष्ट्र में अरब लीग द्वारा प्रायोजित एक प्रस्ताव के पक्ष में भारत के मतदान पर खुशी जाहिर की। प्रस्ताव में सीरिया में जारी हिंसा की निंदा की गई थी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 7, 2012, 18:33