Last Updated: Monday, April 2, 2012, 05:41
इस्तांबुल : सीरिया पर आयोजित एक सम्मेलन में कम से कम 70 देशों के गठबंधन ने वहां के विद्रोहियों और विपक्षी कार्यकर्ताओं को प्रतिमाह लाखों डॉलर तथा संचार उपकरणों की सहायता देने की बात कही।
उनका यह कदम संकेत है कि कूटनीति और प्रतिबंधों के आधार पर ही केवल सीरिया में दमन के शासन को समाप्त नहीं किया जा सकता है । अमेरिका और उसके पश्चिमी व अरब सहयोगी देशों द्वारा सीरिया के सैन्य संतुलन की ओर झुकाव से क्षेत्रीय खतरा बढ़ जाता है। सीरिया में भारी सशस्त्र बलों की संख्या विद्रोहियों से ज्यादा है।
इस्तांबुल में अधिवेशन में भाग लेने वाले देशों ने कहा कि सउदी अरब और अन्य खाड़ी देश विद्रोही फ्री सीरियन आर्मी के सदस्यों को भुगतान करने के लिए कोष बना रहे हैं, जो शासन से मतभेद रखते हैं और विपक्षी खेमों में जा मिले हैं। एपी सीरिया मुद्दे पर आयोजित एक प्रमुख सम्मेलन में मांग की गई कि संयुक्त राष्ट्र को सीरिया में हिंसा बंद करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए।
मजे की बात है कि संयुक्त राष्ट्र - अरब लीग के सीरिया मामले के विशेष दूत कोफी अन्नान ने इस सम्मेलन में हिस्सा लेने से परहेज किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के दो स्थायी सदस्य देश रूस और चीन ने भी इसमें शामिल नहीं लिया। इस बीच सीरिया सरकार ने कहा कि उसकी अपनी सैनिकों को लौटाने की तत्काल उसकी कोई योजना नहीं है।
सम्मेलन के मेजबान तुर्की का कहना था कि यदि संयुक्त राष्ट्र कार्रवाई करने में असफल रहता है तो विश्व के पास सीरियाई लोगों के हथियार उठाने को मान्यता देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। तुर्की के प्रधानमंत्री रिसेप तयिप इर्दोगन ने सम्मेलन का उद्घाटन करने हुए कहा, ‘यदि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद कोई जिम्मेदारी लेने से बचता है तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के पास सीरियाई लोगों के आत्मरक्षा के अधिकार को स्वीकार करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं होगा।’
अमेरिकी की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र - अरब लीग सीरिया मामले पर अरब लीग के दूत कोफी अन्ना की शांति योजना को स्वीकार करने के कुछ ही दिनों बाद नये हमले करके राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार तोड़े गए अपने वादों की सूची लंबी कर रही है। इस सम्मेलन से पहले असद हुकूमत ने विद्रोहियों पर जीत की घोषणा की और एक बार फिर अन्नान की योजना पर समर्थन किया लेकिन साथ ही विद्रोहियों के अड्डों पर गोलाबारी जारी रखी। असद हुकूमत ने कहा कि सैनिकों को हटाने की उसकी कोई तत्काल योजना नहीं है।
इस बीच विपक्षी सीरियन नेशनल काउंसिल ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आह्वान किया कि वह समूह को सीरियाई लोगों के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में मान्यता दे। (एजेंसी)
First Published: Monday, April 2, 2012, 11:24