Last Updated: Wednesday, September 11, 2013, 17:03

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने युद्ध से थके हुए अपने देशवासियों से कहा कि वह रासायनिक हथियारों का कथित रूप से इस्तेमाल करने वाले सीरिया के खिलाफ सैन्य हमलों को टालने के लिए राजनयिक स्तर पर हल खोजना चाहते हैं। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने वार्ता विफल होने की स्थिति में अपनी सेना को जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा है।
व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम से टेलीविज़न पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए ओबामा ने सीरिया के रासायनिक हथियारों को अंतरराष्ट्रीय नियंत्रण में रखने के रूस के प्रस्ताव को ‘उत्साहजनक’ बताया और कहा कि अमेरिका और रूसी अधिकारी इस पहल पर चर्चा करेंगे।
ओबामा ने अपने 16 मिनट के संबोधन में कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र की सहमति के बिना सीरिया के खिलाफ किसी भी सैन्य कार्रवाई का विरोध कर रहे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी इस पर चर्चा करेंगे।
इसके साथ ही ओबामा ने सीरिया मामले का राजनयिक स्तर पर हल निकाले जाने के लिए सीनेट को उसके खिलाफ बल प्रयोग पर मत विभाजन स्थगित करने को कहा है। उन्होंने इसके लिए कोई समयसीमा तो तय नहीं की है, लेकिन कहा कि सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद के साथ किसी भी समझौते के लिए यह सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक है कि असद शासन अपनी कही बातों पर अमल करे।
ओबामा का यह भाषण सीरिया पर हमले की उनकी योजना के लिए संसद के अलावा इस मामले को लेकर उलझन में पड़े अपने देशवासियों का समर्थन पाने की अंतिम कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
अमेरिका को ‘वैश्विक सुरक्षा का प्रहरी’ करार देते हुए ओबामा ने इस मामले का राजनयिक हल तलाशने के साथ ही सीमित सैन्य हमले के लिए तैयार रहने के समर्थन में नैतिक, राजनीतिक और रणनीतिक तर्क दिए। ओबामा ने कहा कि उन्होंने सीरिया संकट का राजनयिक हल निकलने तक उस क्षेत्र में तैनात अपनी सेना को अपनी आक्रामक मुद्रा बनाए रखने को कहा है।
उन्होंने कहा, मैंने हमारी सेना को अपनी मौजूदा स्थिति बनाए रखने, असद पर दबाव बनाने और राजनयिक तरीकों के असफल रहने पर कार्रवाई करने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है। ओबामा ने साथ ही कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि रूस के प्रयास सफल होंगे या नहीं।
उन्होंने कहा, यह कहना जल्दबाजी होगी कि यह प्रस्ताव सफल होगा या नहीं। प्रत्येक समझौते के लिए यह निश्चित करना बहुत आवश्यक है कि असद शासन अपनी प्रतिबद्धताएं बनाए रखे। लेकिन इस पहल के जरिए बल प्रयोग किए बिना रासायनिक हथियारों के खतरे को दूर किया जा सकता है। ओबामा ने कहा, मैंने हमारे दो सबसे करीबी सहयोगी देश, फ्रांस और ब्रिटेन के नेताओं से बात की हैं। और असद सरकार को अपने रासायनिक हथियार अंतरराष्ट्रीय नियंत्रण में सौंपने और अंतत: उन्हें नष्ट करने को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव लाने के लिए रूस और चीन के साथ मिलकर काम करेंगे।
ओबामा ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र जांचकर्ताओं को 21 अगस्त को हुई घटना पर अपनी रिपोर्ट दायर करने का मौका देंगे और यूरोप, एशिया एवं पश्चिम एशिया के अपने सहयोगियों से समर्थन प्राप्त करने की कोशिश भी जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, रासायनिक हथियारों के उपयोग के खिलाफ खड़े होने में असफल रहने से जनसंहार के अन्य हथियारों पर लगा प्रतिबंध भी कमजोर होगा और इससे असद का सहयोगी ईरान भी प्रोत्साहित होगा, जिसे यह तय करना है कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघ करते हुए परमाणु हथियार बनाए या एक अधिक शांतिपूर्ण रास्ता चुने।’’ ओबामा ने राष्ट्र को संबोधित करने से कुछ घंटों पहले सांसदों को सीरिया के हालात के अपने मूल्यांकन के बारे में बताया और उनसे असद शासन के खिलाफ सीमित सैन्य कार्रवाई करने के निर्णय पर विचार विमर्श किया।
ओबामा ने अपने संबोधन में दोहराया कि असद शासन के खिलाफ सीमित सैन्य कार्रवाई करना अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में है ताकि उसे अपने ही लोगों के खिलाफ रासायनिक हथियार इस्तेमाल करने के प्रति जवाबदेह बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि यदि हम कार्रवाई करने में असफल रहते हैं तो असद शासन को रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करने से कोई चीज़ रोक नहीं पाएगी। इन हथियारों पर से रोक हटने के साथ ही अन्य तानाशाह शासक इसका इस्तेमाल करने से पहले सोचेंगे भी नहीं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 11, 2013, 10:36