सीसीआईटी पर भी जोर देगा भारत - Zee News हिंदी

सीसीआईटी पर भी जोर देगा भारत

संयुक्त राष्ट्र : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार किए जाने पर जोर देंगे, ताकि समानता पर अधारित ऐसी व्यवस्था का निर्माण हो सके जिसमें मौजूदा वास्तविकता झलकती हो.

प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र महासभा के 66वें अधिवेशन में भाग लेने के लिए गुरुवार को यहां पहुंचे. वह महासभा में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक समझौते की जरूरत जैसे मुद्दे पर जोर देंगे. भारत पिछले कई दशक से आतंकवाद से पीड़ित है. उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक महत्वपूर्ण देश के प्रधानमंत्री होने के नाते संभावना है कि मनमोहन संयुक्त राष्ट्र में दूसरे देशों के साथ वैश्विक, आर्थिक और वित्तीय स्थिरता पर काम करने की प्रतिबद्धता के साथ-साथ सशक्त, सतत और संतुलित आर्थिक विकास के प्रोत्साहन पर जोर देंगे.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के बारे में भारत का विचार है कि जब तक इसमें व्यापक सुधार नहीं किया जाता तब तक प्रक्रिया अधूरी रहेगी.
भारत जी4 के अन्य देशों (ब्राजील, जापान, जर्मनी) के साथ सुरक्षा परिषद में सुधार की गति बनाए रखने के लिए सक्रिय तौर पर लगातार काम करता रहेगा. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि हरदीप सिंह पुरी ने प्रधानमंत्री के महासभा में भाग लेने के संबंध में मीडिया से बातचीत में संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर एक समग्र संधि (सीसीआईटी) होने की उम्मीद जताई. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की एक समिति के समक्ष सीसीआईटी का सहमति प्राप्त मसौदा है.

पुरी ने कहा, ‘आशा है कि निकट भविष्य में इस मसौदे पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन मैं कोई निश्चित अवधि नहीं बताने जा रहा हूं.’ उन्होंने कहा कि अमेरिका आतंकवाद से एक ही बार (9/11) पीड़ित हुआ है जबकि भारत कई दशक से आतंकवाद से पीड़ित है. इसलिए वह इस मसौदे पर जोर दे रहा है.

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि 26 सितंबर को भारत की अध्यक्षता वाली आतंकवाद निरोधी समिति (सीटीसी) की बैठक होगी. इसमें 9/11 हमलों के बाद विगत 10 वर्ष में सीटीसी के कामों की समीक्षा की जाएगी और अगले दशक के लिए एक दृष्टिपत्र तैयार किया जाएगा. हाल ही में दिल्ली में हुए आतंकी हमले के बीच भारत सीसीआईटी को शीघ्र स्वीकार करने पर जोर देगा. इससे वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से लड़ने में मदद मिलेगी.

सुरक्षा परिषद में भारतीय दावेदारी पर चीन के समर्थन के बारे में पुरी ने कहा कि अंतत: इस पर चीन का समर्थन मिलने की उम्मीद है. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से प्रधानमंत्री की मुलाकात के बारे में उन्होंने कहा कि ओबामा प्रधानमंत्री के यहां आने से एक दिन पूर्व ही न्यूयॉर्क से चले गए. यह तो कार्यक्रम की बात है. उन्होंने कहा कि इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है. वे कुछ ही समय में जी 20 सम्मेलन में मिलने जा रहे हैं. दोनों नेता फ्रांस में अगामी नवंबर में जी20 सम्मेलन से इतर भी मिलेंगे. (एजेंसी)

First Published: Friday, September 23, 2011, 19:17

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