Last Updated: Tuesday, March 12, 2013, 20:50

पोर्ट लुई : मॉरीशस ने आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के स्थायी सदस्यता के दावे का समर्थन करते हुए कहा है कि यह समझ से बाहर की बात है कि विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र अंतरराष्ट्रीय संस्था की शीर्ष इकाई में शामिल नहीं है। मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने कहा कि वह बिना किसी शर्त के इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि उनका देश सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट पाने के भारत के वैधानिक प्रयास का समर्थन करना जारी रखेगा।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सम्मान में आयोजित भोज में दिए भाषण में रामगुलाम ने कहा, ‘‘यह समझ से बाहर है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए सुरक्षा परिषद के लिए स्थायी सीट नहीं है। इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं हो सकता, जो लोकतंत्र के उन सिद्धांतों के विपरीत है जिनकी संयुक्त राष्ट्र पैरवी करता है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर और हर अवसर पर वैश्विक समुदाय को यह मनाने का प्रयास जारी रहना चाहिए कि इस लोकतंत्र की जो उपेक्षा की गई है, उसे दुरूस्त किया जाए।’’
मारीशस के प्रधानमंत्री रामगुलाम ने कहा कि भारत ने सबसे बड़े लोकतंत्र, आर्थिक शक्ति, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक योगदान तथा इतनी बड़ी आबादी को संभालते हुए पूरी दुनिया को प्रेरित और आकषिर्त किया है। रामगुलाम ने कहा कि मारीशस अब अपनी अर्थव्यवस्था को उपुयक्त तरीके से प्रबंधित करने में सक्षम है और इस संबंध में भारत की मदद के लिये उनका देश हमेशा शुक्रगुजार रहा है। राष्ट्रपति मुखर्जी तीन दिनों के मॉरीशस दौरे पर हैं। वह आज यहां के राष्ट्रीय दिवस के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 12, 2013, 20:50