Last Updated: Thursday, September 22, 2011, 14:03
वॉशिंगटन : अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया है कि उनके पास इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि आईएसआई ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अमेरिकी दूतावास और नाटो के मुख्यालय पर हमले करने के लिए हक्कानी गुट को निर्देश दिया था. अमेरिकी खुफिया अधिकारियों की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई आतंकवादियों को अमेरिकी ठिकानों पर हमलों के लिए उकसा रही है.
अमेरिकी अधिकारी आईएसआई और हक्कानी गुट के बीच साठगांठ की बात करते रहे हैं, लेकिन पहली बार यह बात खुलकर सामने आई है. हालांकि इन हमलों के पीछे आईएसआई की मंशा स्पष्ट नहीं हो पायी है लेकिन पाकिस्तान नाटो सेनाओं के जाने के बाद अफगानिस्तान में मुख्य भूमिका निभाना चाहता है. साथ ही वह अफगानिस्तान में भारत के बढ़ते रूतबे से भी परेशान है.
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका पाकिस्तान पर उसकी जमीन से अपनी गतिविधियां चला रहे आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए दबाव डालता रहा है, लेकिन इस कोशिश का कोई नतीजा नहीं निकला है. कुछ अधिकारी पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात करते हैं, लेकिन इससे पाकिस्तान के नाराज होने की संभावना है जिससे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई प्रभावित हो सकती है.
सुरक्षा विशेषज्ञ कैरोलीन वेडहम्स ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन ने इस लड़ाई में अपना सब कुछ झोंक दिया, लेकिन इससे कुछ भी हासिल नहीं हुआ. हमेशा ऐसा नहीं चल सकता लेकिन हमारे पास कोई चारा भी नहीं है. कई अन्य आतंकवादी संगठनों की तरह हक्कानी गुट भी पाकिस्तान के कबायली क्षेत्र से अपनी गतिविधियां चला रहा है. उसके संबंध अलकायदा और तालिबान से हैं. अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए भी पूर्व में उसका इस्तेमाल कर चुकी है और उसका आईएसआई के साथ पुराना रिश्ता है.
(एजेंसी)
First Published: Thursday, September 22, 2011, 19:33