Last Updated: Tuesday, April 10, 2012, 15:53
इस्लामाबाद : सियाचिन सेक्टर में हाल में हुए हिमस्खलन में बर्फ में दबे 138 लोगों में से जिंदा बचे लोगों की तलाश के लिए बचावकर्मियों ने पांच विशिष्ट स्थानों पर खुदाई का काम शुरू किया जबकि विशेषज्ञों ने आज कहा कि इसमें किसी के भी जीवित बचे होने की संभावना बहुत कम है। बर्फ में दबे 138 लोगों में से अधिकतर पाकिस्तानी सैनिक हैं।
हिमस्खलन की घटना के 72 घंटे बाद पाकिस्तानी सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘‘ग्यारी स्थित सैन्य बटालियन मुख्यालय के पास पांच स्थानों की पहचान की गई है जहां पर गत शनिवार को विनाशकारी हिमस्खलन हुआ था।
बयान में कहा गया है, दो स्थानों पर खुदाई उपकरणों से की जा रही है जबकि तीन स्थानों पर खुदाई हाथ से की जा रही है। इसके बावजूद बचावकर्मियों को अभी तक ना ही कोई जीवित व्यक्ति मिला है और ना ही कोई शव मिला है। सेना ने कहा कि करीब 450 लोग उस राहत प्रयासों में लगे हुए जिसमें दो बुलडोजरों, दो हेवी अर्थ मूवर्स, तीन उत्खनक और दो डम्पर लगाये गए हैं।
ग्यारी में खराब मौसम के बावजूद राहत अभियान जारी है जहां सैनिक करीब 80 फुट बर्फ के नीचे दबे हुए हैं। सेना की ओर से हिमस्खलन स्थल के जारी पहली तस्वीरों में छठी नॉर्दर्न लाइट इंफैंट्री मुख्यालय का कोई नामोनिशान नजर नहीं आ रहा है। स्ट्रैटजिक प्लांस डिविजन का सात सदस्यीय दल बर्फ में दबे लोगों का पता लगाने के लिए ‘जीवन का पता लगाने वाले उपकरणों और थर्मल इमेजिंग कैमरों’ का इस्तेमाल कर रहा है।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि बचाव दलों ने 40 फुट बर्फ हटायी है और बर्फ में दबे शिविर तक का रास्ता साफ कर दिया है। हालांकि अमेरिका, जर्मनी और स्विट्जरलैंड से तीन बचाव दल खराब मौसम के चलते हवाई मार्ग से ग्यारी के सबसे नजदीक नगर स्कार्दू पहुंचने में असफल रहे। विशेषज्ञों ने कहा कि समय बीतने के साथ ही किसी के जिंदा बचने की उम्मीद भी घट रही है क्योंकि हिमस्खलन की घटना के बाद तीन दिन बीत चुके हैं।
क्षेत्र में सैनिकों की कमान संभालने वाले लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एयाज अहमद ने मीडिया को बताया कि बर्फ के नीचे का तापमान शून्य से 30 डिग्री सेल्सियस तक नीचे रह सकता है। उन्होंने कहा, ऐसे कम तापमान में शरीर में सूजन आ जाती है और जीवित बचने की संभावना (बहुत) कम है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 10, 2012, 21:23