Last Updated: Wednesday, February 15, 2012, 09:12
ज़ी न्यूज ब्यूरोअहमदाबाद : गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार को 2002 हिंसा मामले में मोदी सरकार को नोटिस जारी किया है। नरेंद्र मोदी सरकार के लिए नई मुसीबतें खड़ी करते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने उन लोगों को मुआवजा देने के उसके आदेश का पालन नहीं करने के लिए बुधवार को राज्य सरकार को अवमानना का नोटिस जारी किया, जिनकी दुकानें गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के दौरान जला दी गई थीं।
अदालत ने यह नोटिस सांप्रदायिक दंगों में क्षतिग्रस्त किए गए धार्मिक स्थलों को बहाल नहीं कर पाने के लिए राज्य सरकार को दोषारोपित किए जाने के एक हफ्ते बाद जारी किया। न्यायमूर्ति अकील कुरैशी और न्यायमूर्ति सीएल सोनी की पीठ ने अहमदाबाद के जिलाधिकारी को 14 मार्च तक जवाब देने को कहा कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए। यह नोटिस 56 दंगा पीड़ितों की याचिका पर जारी किया गया, जिनकी दुकानों को साल 2002 के दंगों के दौरान जला दिया गया था। शहर के रखियाल इलाके में जिन 56 दुकानों को जला दिया गया था, उनके मालिकों ने मुआवजे के लिए आवेदन दिया था। इन दुकान मालिकों ने केंद्र द्वारा फरवरी 2008 में दंगा पीड़ितों के लिए अतिरिक्त राहत पैकेज की घोषणा किए जाने के बाद मुआवजे के लिए आवेदन दिया था।
जिला प्राधिकार की ओर से चूंकि कोई जवाब नहीं आया इसलिए उन्होंने गैर सरकारी संगठन जन संघर्ष मंच के जरिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उसमें जिलाधिकारी को उनके आवेदन पर विचार करने और मुआवजा प्रदान करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया गया था। उनके आवेदन के आधार पर अदालत ने गत वर्ष सितंबर में आदेश दिया था। इसमें मुआवजे के लिए उनके आवेदनों का परीक्षण करने को कहा गया था।
First Published: Wednesday, February 15, 2012, 19:13