Last Updated: Friday, January 18, 2013, 14:59

चेन्नई/लखनऊ: डीजल मूल्यवृद्धि को लेकर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि कांग्रेस का हाथ आम आदमी के साथ नहीं बल्कि पूंजीपतियों के साथ है। मायावती ने कहा कि डीजल के दाम बढ़ने से जनता पर बोझ बढ़ा है। साथ ही मायावती ने कहा कि रियायती सिलेंडरों की संख्या 12 हो।
दूसरी तरफ केन्द्र सरकार द्वारा डीजल मूल्य नियंत्रण मुक्त करने की दिशा में उठाये गये कदम के बाद संप्रग गठबंधन की सहयोगी पार्टी डीएमके ने सरकार से डीजल मूल्य वृद्धि वापस लेने और सस्ते गैस सिलेंडर की संख्या नौ से बढ़ाकर 12 करने की मांग की।
डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि ने एक बयान में कहा कि सरकारी तेल कंपनियों को डीजल के दाम में धीरे धीरे हल्की वृद्धि करने की अनुमति देना एक गलत निर्णय है। सरकार ने डीजल को आंशिक तौर पर नियंत्रण मुक्त करने के अलावा कंपनियों को प्रति माह डीजल मूल्य में 40 से 50 पैसे की बढ़ोतरी करने की अनुमति देने का फैसला किया है। इसके एक दिन बाद डीएमके का यह बयान आया है।
डीएमके प्रमुख ने कहा, कि गरीब और मध्यम वर्ग के लोग डीजल की कीमतों में 50 पैसे की बढ़ोतरी झेलने के योग्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से मुद्रास्फीति बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार को डीजल कीमतों के मामले में फिर से विचार करना चाहिए ताकि गरीब और मध्यम वर्ग के लोग इस बढ़ोतरी से प्रभावित नहीं हों। साल में छह के स्थान पर नौ सिलेंडर जारी करने के केन्द्र सरकार के निर्णय पर करुणानिधि ने कहा, कि संसदीय समिति पहले ही साल में सब्सिडी वाले 12 सिलेंडर जारी करने का सुझाव दे चुकी है।
उन्होंने कहा कि सरकार को साल में सब्सिडी वाले केवल नौ सिलेंडर के निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए और प्रति माह कम से कम एक सिलेंडर देना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Friday, January 18, 2013, 14:28