ISI के पूर्व प्रमुख गुल के लगातार संपर्क में था टुंडा

ISI के पूर्व प्रमुख गुल के लगातार संपर्क में था टुंडा

ISI के पूर्व प्रमुख गुल के लगातार संपर्क में था टुंडानई दिल्ली : लश्कर-ए-तैयबा के बम विशेषज्ञ अब्दुल करीम टुंडा ने जांच अधिकारियों को बताया कि वह 1995 में आईएसआई के पूर्व प्रमुख हामिद गुल से मुलाकात के बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के संपर्क में आया था और बाद में वह लगातार गुल के संपर्क में रहा।

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम का करीबी सहयोगी टुंडा सऊदी अरब के रास्ते पाकिस्तान पहुंचने के बाद गुल से मिला था।

जांचकर्ताओं ने बताया कि 70 वर्षीय टुंडा ने उन्हें बताया कि आईएसआई आधिकारिक संस्था है और अनेक कार्यों को अंजाम देने के लिए उसके लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा जैसे तंजीम (संगठन) हैं। इन संगठनों के आका इन तंजीमों को सामाजिक संगठन कहते हैं।

अब्दुल कुद्दूस नाम वाला पाकिस्तानी पासपोर्ट रखने वाले टुंडा को शुक्रवार को भारत-नेपाल सीमा पर किसी जगह से गिरफ्तार किया गया था। वह 19 साल से अनेक देशों में छिपता रहा।

टुंडा ने पुलिस को बताया कि पाकिस्तान में रहने के दौरान वह आईएसआई, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, इंडियन मुजाहिदीन और बब्बर खालसा जैसे संगठनों के संपर्क में था और हाफिज सईद, मौलाना मसूद अजहर, जाकिउर रहमान लखवी, दाउद इब्राहिम तथा भारत द्वारा वांछित अन्य कई लोगों से मिलता रहता था।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘टुंडा ने हमें बताया कि लश्कर-ए-तैयबा के मौजूदा सदस्यों में अधिकतर पंजाबी हैं। उन्हें महज 3-4 हजार रुपये महीने दिये जाते हैं।’

हालांकि 1987 से 1989 तक आईएसआई के महानिदेशक रहे गुल ने टुंडा के दावों को खारिज किया है। गुल ने कहा, ‘मैं 1 जून, 1989 को आईएसआई से सेवानिवृत्त हुआ। टुंडा ने 1995 में मुझसे पहचान होने का दावा किया है, उस वक्त तक मैं सेवानिवृत्त हो चुका था। मैं दाऊद इब्राहिम को नहीं जानता। मैं टुंडा को नहीं जानता। मुझे उसका नाम पसंद नहीं है। अगर मैं उससे मिला होता तो मैं उसका नाम बदलने को कहता।’

उन्होंने कहा, ‘भारतीय मीडिया पूरी तरह हड़बड़ी में काम कर रहा है। खुफिया भाषा में इसे पेपर मिलिंग कहा जाता है जिसमें लोग मजाकिया कहानी बनाते हैं। मैं किसी भी जांच दल के सामने पेश होने के लिए तैयार हूं।’

अधिकारी के अनुसार टुंडा को दिल्ली पुलिस कल एक स्थानीय अदालत में प्रस्तुत करेगी। पुलिस आगे पूछताछ के लिए उसकी हिरासत की मांग करेगी। अफसर ने कहा कि टुंडा ने प्रशिक्षित लोगों को जुटाया जो उसके द्वारा संचालित मदरसों में उसके शागिर्द थे। वे भारत में घुसपैठ कर सकते थे।

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि वे फिलहाल पाकिस्तान में अनेक भारत विरोधी संगठनों के ताने-बाने और ढांचे पर उससे जानकारी जुटाने पर ध्यान केंद्रित किये हुए हैं।

एक समय बढ़ई, कबाड़ी और कपड़ा व्यापारी का काम करने वाले टुंडा के आज कराची और लाहौर दोनों जगहों पर आतंकवादी संगठन हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार वह लाहौर में अपनी तीन पत्नियों के साथ रहता था। पुलिस ने कहा, ‘टुंडा ने यह नहीं कहा कि वह नकली भारतीय मुद्रा के नोट (एफआईसीएन) के कारोबार में लिप्त है लेकिन वह सभी को जानता है। उसने इकबाल काना से मुलाकात की बात कबूल की है जो आईएसआई द्वारा नियंत्रित फर्जी मुद्रा कारोबार का सरगना है।’
इस बीच गृह मंत्रालय ने टुंडा की गिरफ्तारी पर दिल्ली पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की तारीफ की है।

केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘यह एजेंसियों और दिल्ली पुलिस द्वारा किया गया अत्यंत उत्कृष्ट काम है। यह सभी संगठनों के बीच बेहतर तालमेल को दर्शाता है।’ गोस्वामी ने कहा कि मंत्रालय भविष्य में और ऐसी सफलताओं के लिए आशान्वित है। (एजेंसी)

First Published: Monday, August 19, 2013, 21:04

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