Last Updated: Monday, September 23, 2013, 19:07
नई दिल्ली : विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री ने सोमवार को देश को सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ आगाह करते हुए सामाजिक तानबाने को बिगाड़ने के प्रयासों से कड़ाई से निबटने तथा इस मकसद से दुष्प्रचार के लिए इस्तेमाल किये जा रहे सोशल साइट पर लगाम कसने की जरूरत पर बल दिया जबकि पूर्वोत्तर के राज्यों ने सांप्रदायिक हिंसा से निबटने के लिए केन्द्र की मदद मांगी।
हाल की सांप्रदायिक घटनाओं की भर्त्सना करते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में मांग की कि नाजुक स्थिति में सोशल नेटवर्किंग साइटों को नियंत्रित करने के लिए एक निगरानी तंत्र होना चाहिए क्योंकि संवेदनशील संदेश जंगल की आग की तरह फैलते हैं।
उन्होंने कहा कि केन्द्र को राज्यों के अनुरोध पर फौरन सशस्त्र बल मुहैया कराना चाहिए ताकि प्रभावी रूप से सांप्रदायिक तनाव पर नियंत्रण पाया जा सके।
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने राज्य सरकारों द्वारा कठोर कानून के तहत कुछ लोगों के खिलाफ जारी किये गये हिरासत में लेने के आदेश को वापस लेने के केन्द्र के कदम को लेकर उसकी आलोचना करते हुए कहा कि यह राज्य के अधिकारों में अतिक्रमण है।
जयललिता ने परिषद की बैठक में कहा, ‘पिछले कुछ समय से एक ध्यान दिये जाने वाला एवं अप्रिय घटनाक्रम हो रहा है जिसमें भारत सरकार, प्रकट रूप से राजनीतिक मकसद के लिए, राज्य सरकारों द्वारा जारी किये गये आदेशों को दरकिनार कर रही है। हमारा मानना है कि यह राज्यों के अधिकारों में अनावश्यक अतिक्रमण है और इससे व्यवस्था को बनाये रखने में समझौता होता है।’
अन्नाद्रमुक प्रमुख का भाषण परिषद की बैठक में उनकी अनुपस्थिति में पढ़ा गया। पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने देश के विभिन्न हिस्सों में हाल में हुई साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाओं की निंदा करते हुए आज अंतर समुदाय संबंधों को बनाये रखने के लिए प्रभावी कदम उठाये जाने तथा अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने की मांग की। मित्रा ने देश के विभिन्न हिस्सों में हाल में हुई साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाओं की निंदा करते हुए आज अंतर समुदाय संबंधों को बनाये रखने के लिए प्रभावी कदम उठाये जाने तथा अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने की मांग की।
असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव एवं भाईचारे को बढ़ाने के लिए सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक न्याय प्रदान करना पड़ेगा तथा समुदाय, जाति, पंथ एवं भाषा का भेदभाव किये बिना सभी को एकजुट रखना होगा।
उन्होंने कहा, ‘इलेक्ट्रिानिक मीडिया तथा सूचना एवं नेटवर्किंग प्रौद्योगिकी का विकास दुधारी तलवार साबित हो रहा है।’’ गोगोई ने कहा कि सोशल नेटवर्किंग प्रौद्योगिकी, रेडियो, टीवी एवं संचार के अन्य माध्यमों के इस्तेमाल के प्रभावी नियमन से समस्या उत्पन्न करने वाले लोगों के निहित स्वार्थों पर लगाम कसी जा सकती है। (एजेंसी)
First Published: Monday, September 23, 2013, 18:53