Last Updated: Friday, October 5, 2012, 18:27

नई दिल्ली: बहुब्रांड खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को अनुमति दिए जाने के केंद्र सरकार के निर्णय को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार के शीर्ष कानून अधिकारी- महान्यायवादी या महाधिवक्ता- से शुक्रवार को स्पष्टीकरण मांगा। न्यायालय ने अधिवक्ता एम.एल. शर्मा की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए महान्यायवादी या महाधिवक्ता से स्पष्टीकरण की मांग की। शर्मा ने प्रक्रियागत आधार पर सरकारी अधिसूचना को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
शर्मा ने याचिका में कहा है कि सरकार की अधिसूचना भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मौजूदा दिशानिर्देशों का उल्लंघन है, जो खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति नहीं देते और सरकार किसी अधिसूचना के जरिए आरबीआई कानूनों को खारिज नहीं कर सकती।
न्यायमूर्ति आर.एम. लोढ़ा और न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे ने कहा कि नीति निर्माण सरकार के अधिकार में है, लेकिन खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश के खिलाफ दायर याचिका में उठाए गए मुद्दों को समझने के लिए उन्होंने सरकार के शीर्ष कानून अधिकारियों से मदद मांगी है। (एजेंसी)
First Published: Friday, October 5, 2012, 18:27