Last Updated: Sunday, February 19, 2012, 05:45
नई दिल्ली: अंडमान निकोबार द्वीप समूह के अंडमान ट्रंक मार्ग को लेकर भारत से ब्रिटेन तक मचे हंगामे के बीच राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने कहा है कि इस मार्ग को तत्काल बंद करना मुश्किल है क्योंकि कई जनजातियों को चिकित्सा, भोजन जैसी मूलभूत सुविधाओं की आपूर्ति फिलहाल केवल इसी मार्ग से संभव है।
आयोग ने कहा कि अंडमान ट्रंक मार्ग और इसके आस पास मानव सफारी को सख्ती से रोकने के लिए अंडमान प्रशासन कड़े दिशानिर्देशों का पालन कर रहा है। गौरतलब है कि लंदन के अखबार आब्जर्वर द्वारा जारवा जनजाति समुदाय की अर्धनग्न महिलाओं का भोजन के बदले नृत्य वाला वीडियो सामने आने के बाद कई गैरसरकारी संगठनों ने अंडमान ट्रंक मार्ग तुरंत बंद करने की मांग की थी।
यहां तक कि ब्रिटेन के हाउस आफ कामंस में भी कुछ सांसदों ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह में मानव सफारी पर रोक लगाने के लिए भारत सरकार से अंडमान ट्रंक मार्ग तत्काल बंद करने की मांग की थी।
आयोग के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कहा कि कई स्थितियों में अंडमान ट्रंक मार्ग का कोई विकल्प नहीं है। कई जनजातियों को चिकित्सा और भोजन जैसी मूलभूत सुविधाओं की आपूर्ति केवल इसी मार्ग से संभव है। ऐसे में इस मार्ग को बंद करना इन जनजातियों के लिए घातक साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि अंडमान प्रशासन इस मार्ग को लेकर कड़े दिशानिर्देशों का पालन कर रहा है जिसके तहत अब पर्यटकों के अंडमान ट्रंक मार्ग पर बीच में उतरने और वहां वीडियो बनाने या फोटो लेने पर रोक लगा दी गई है। पर्यटक पहले इसी मार्ग के जरिये जारवा समुदाय के सदस्यों तक पहुंचते थे।
आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि इस मार्ग को बंद करने को लेकर एक मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है जिसमें सरकार अपना पक्ष रख रही है।
उन्होंने कहा कि लंदन के अखबार ने पहले जारवा समुदाय की अर्धनग्न महिलाओं वाला जो वीडियो जारी किया था उसके बारे में जांच में पता चला है कि वह ढाई साल पुराना है जबकि करीब एक पखवाड़ा पहले फिर से जो इसी तरह के नए वीडियो जारी हुए हैं, उनके बारे में जांच अभी जारी है।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, February 19, 2012, 11:17