Last Updated: Thursday, April 19, 2012, 03:01
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसीधामरा (ओडिशा) : भारत ने गुरुवार सुबह 8 बजकर 07 मिनट पर परमाणु क्षमता से लैस और स्वदेशी तकनीक से विकसित मिसाइल अग्नि-5 का पहला सफल परीक्षण किया। 5,000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली इस मिसाइल का ओडिशा के व्हीलर द्वीप से प्रक्षेपित कर परीक्षण किया गया। रक्षा सूत्रों के अनुसार, तीन चरणों में ठोस प्रणोदक से चलने वाली अग्नि-5 को एकीकृत परीक्षण क्षेत्र के परिसर 4 से प्रक्षेपित किया गया। उन्होंने बताया कि प्रक्षेपण के बाद यह आकाश में सीधे उड़ान भरने लगी। प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने इसे मील का पत्थर करार दिया है।
अग्नि-5 का सफल परीक्षण एकीकृत मिसाइल विकास कार्यक्रम में भारत की लंबी छलांग को प्रदर्शित करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल की विशेषताओं वाला है। अभी सिर्फ अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन के पास ही आईसीबीएम को प्रक्षेपित करने की क्षमता है। सतह से सतह पर वार करने वाला अग्नि-5 पांच हजार किमी. दूर तक निशाना लगा पाने में सक्षम है। यह 17 मीटर लंबा और दो मीटर चौड़ा है। इसका भार करीब 50 टन है। यह उन्नत मिसाइल एक टन से ज्यादा परमाणु सामग्री को ढो सकता है।
15 नवंबर 2011 को इसी प्रक्षेपण स्थल से 3500 किलोमीटर से ज्यादा की मारक क्षमता वाले अग्नि-4 के पहले विकास परीक्षण के सफल नतीजों के बाद अग्नि-5 की तैयारियों ने गति पकड़ी।
डीआरडीओ प्रमुख और रक्षा मंत्रालय के वैज्ञानिक सलाहकार वीके सारस्वत के अलावा शीर्ष रक्षा वैज्ञानिक, सैन्य अधिकारी और संबंधित एजेंसियों के अधिकारी प्रक्षेपण स्थल पर मौजूद थे। रक्षा सूत्रों ने बताया कि अग्नि-5 के सफल परीक्षण में 800 वैज्ञानिक, कर्मी और सहायता कर्मचारी शामिल थे। परियोजना से जुड़े एक वैज्ञानिक ने बताया कि स्वदेश निर्मित अग्नि श्रेणी के अन्य मिसाइलों के विपरीत अग्नि-5 सबसे उन्नत संस्करण है जिसमें कई नई तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। आज के सफल परीक्षण के बाद भारत लंबी दूरी के बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक रखने वाले चुनिंदा देशों की श्रेणी में शुमार हो गया है।
First Published: Friday, April 20, 2012, 10:13