Last Updated: Wednesday, December 28, 2011, 10:46
ज़ी न्यूज ब्यूरो मुंबई : अन्ना हजारे ने शुक्रवार से जेल भरो आंदोलन को स्थगित करने की अचानक घोषणा करते हुए बुधवार को अपना अनशन दूसरे दिन ही तोड़ दिया। उनका अनशन तीन दिनों तक चलने का कार्यक्रम था।
74 वर्षीय नेता ने बीच में ही अपना निर्णय बदलने का कोई कारण नहीं बताया लेकिन संभवत: कम भीड़ जुटने के कारण उन्हें ऐसा निर्णय करना पड़ा। वह बीमार भी थे और डाक्टरों ने उनसे अनशन तोड़ने की अपील की थी। अन्ना के गांव रालेगण सिद्धि की एक लड़की ने अनशन तोड़ने के लिए उन्हें जूस दिया।
अन्ना ने अपनी टीम के सदस्यों अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और मयंक गांधी को जूस पिलाया। मंगलवार के बाद पहली बार मंच पर नजर आए अन्ना ने अचानक अपना अनशन खत्म करने की घोषणा कर दी। उन्होंने कल अपना अनशन खत्म होने के बाद तीन दिनों के लिए ‘जेल भरो’ आंदोलन करने की घोषणा की थी लेकिन इसे भी अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया।
उनके निकट सहयोगी केजरीवाल ने कहा कि हजारे की खराब होती सेहत और जिस तरह से लोकसभा के माध्यम से ‘कमजोर’ लोकपाल विधेयक लाया गया है, उसे देखते हुए अनशन को खत्म किया जा रहा है। दोपहर में अपेक्षा से काफी कम संख्या में जमा लोगों के बीच उन्होंने कहा कि हम संसद में आज जो कुछ देख रहे हैं वह दुखद है। इसलिए मैंने आज ही उपवास तोड़ने का फैसला किया। अब एक ही रास्ता है।
हम कार्यक्रम बनाएंगे और पांच राज्यों में जाकर जनजागरण करेंगे। मैं उनसे कहूंगा कि वे विश्वासघातियों को वोट नहीं दें। कम भीड़ के बारे में एक संवाददाता ने पूछा तो अन्ना ने कहा कि मेरे पास सत्ता नहीं है, धन नहीं है, फिर भी लोग आए। आप देखेंगे कि चुनाव के समय लोग किस तरह उठ खड़ा होते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित जेल भरो आंदोलन के समर्थन में पूरे देश में माहौल तैयार किया गया था, लेकिन मुझे बताया गया कि लोकपाल विधेयक को राज्यसभा में पेश किया गया है। वहां क्या होगा, हम नहीं जानते। इसलिए इसके लिए (जेल भरो) अभी समय नहीं आया है। अन्ना हजारे ने कहा कि अब आम चुनाव होने में सिर्फ दो वर्ष बाकी हैं। इस बीच मैं देश के विभिन्न हिस्सों में जाउंगा और अगले चुनाव तक लोगों को जागृत करता रहूंगा। पिछली रात से ही बुखार से पीड़ित अन्ना को आज भी सौ डिग्री फारेनहाइट ज्वर था। उन्हें चिकित्सकों ने चेताया कि उपवास नहीं तोड़ने पर उनकी किडनी फेल हो सकती है। इसके बाद ही उन्होंने अनशन तोड़ा।
अन्ना हजारे और उनकी टीम के सदस्य पिछले दो दिनों से कम भीड़ जुटने और लोकपाल मुद्दे पर सोनिया और राहुल गांधी को निशाना बनाने के सवालों पर असहज दिखे। जब उनसे पूछा गया कि वह सिर्फ कांग्रेस को खलनायक क्यों बना रहे हैं और सोनिया एवं राहुल पर निशाना क्यों साध रहे हैं जबकि अन्य पार्टियों ने भी उनके लोकपाल विधेयक का समर्थन नहीं किया तो अन्ना ने कहा कि कांग्रेस ने देश को बर्बाद कर दिया। उन्होंने कहा कि जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां वे मतदाताओं को जगाने के लिए अभियान चलाएंगे ।
जब एक संवाददाता ने पूछा कि क्या कम भीड़ के कारण वह अपना अनशन तोड़ रहे हैं और वह बड़ी संख्या में लोगों को क्यों नहीं आकर्षित कर पाए, तो अन्ना ने कहा कि यह सही नहीं है। मेरे पास न तो सत्ता है और न ही धन। लोग अब भी काफी संख्या में आ रहे हैं और चुनावों के दौरान जब हम आंदोलन चलाएंगे तो आप फिर देखिएगा। यह पूछने पर कि सीबीआई को सशक्त बनाने की उनकी मांग को भाजपा ने समर्थन नहीं दिया तो क्या वह भाजपा सांसदों के घर के बाहर भी धरना देंगे। टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जेल भरो आंदोलन और धरना को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
केजरीवाल ने कहा कि सब कुछ स्थगित कर दिया गया है। यह पूछने पर कि क्या कांग्रेस को खलनायक बनाया जा रहा था तो अन्ना ने कहा कि दूसरी पार्टियों का विरोध करने का उनके पास कोई कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच महीने में संप्रग सरकार ने हमें धोखा दिया। वे पिछले एक वर्ष से हमें बार-बार धोखा दे रहे हैं। वहीं, भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना के आंदोलन को मुंबईवासियों का उतना समर्थन नहीं मिला, जितनी उम्मीद की जा रही थी। यहां आए लोगों की संख्या देखकर ऐसा लगता है कि हजारे का आंदोलन इस बार उतना सफल नहीं हुआ जितना पिछले बार देखा गया था। एमएमआरडीए मैदान में आज बहुत कम लोग पहुंचे।
अनशन मंच से अन्ना ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अनशन तो खत्म हो गया लेकिन लोकपाल की लड़ाई अभी बाकी है। अन्ना ने कहा कि हमने रामलीला मैदान में सरकार को जनता की, अहिंसा की ताकत दिखा दी। हमें अभी लंबी लड़ाई लड़नी है। संसद में क्या हुआ ये सब आपने देखा, इसलिए देशवासियों! लोकपाल के लिए अभी लंबी लड़ाई लड़नी होगी। हम लंबी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। जब देश की जनता हमारे साथ है तो डर किस बात का।
अन्ना ने कहा कि देश में अब जनतंत्र नहीं रहा। संसद में बैठे लोग देश को लूट रहे हैं। इसलिए हमने तय किया है कि पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में हम चुनाव प्रचार करेंगे और जनता से अपील करेंगे कि जिन दलों ने अच्छा लोकपाल देश को नहीं दिया उसे वोट मत दो। 2014 में लोकसभा चुनाव में इस सरकार को उखाड़ फेंकने का भी अन्ना ने देश की जनता से आह्वान किया।
First Published: Thursday, December 29, 2011, 12:37