Last Updated: Thursday, November 1, 2012, 08:15
ज़ी न्यूज़ ब्यूरोनई दिल्ली : इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने केजी डी-6 बेसिन पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अम्बानी के साथ साठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि लगता है देश को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नहीं बल्कि मुकेश अम्बानी चला रहे हैं।
केजरीवाल ने बुधवार को कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'कांग्रेस एवं भाजपा दोनों मुकेश अम्बानी के मददगार हैं। वर्ष 2000 में तत्कालीन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने सस्ती गैस तुरंत मुहैया कराने के लिए रिलायंस को केजी डी-6 बेसिन दी गई।' उन्होंने कहा कि रिलायंस एनटीपीसी को 2004 में समझौते के अनुसार 2.25 डॉलर प्रति युनिट की दर से 17 साल तक के लिए गैस आपूर्ति पर राजी हो गया लेकिन दो साल बाद ही इसे बढ़ाकर 4.25 डॉलर प्रति युनिट की मांग की।
इसे ‘सांठगांठ वाले पूंजीवाद’ का नमूना करार देते हुए अरविंद केजरीवाल और प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि उत्पादन को करीब करीब बंद करके और छोटे-मोटे कारोबारियों की तरह जमाखोरी करके रिलायंस ने सरकार को गैस की कीमतें बढ़ाने के लिए ‘ब्लैकमेल’ करने का काम किया। हालांकि आरआईएल ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि निहित स्वार्थों के तहत ये इल्जाम लगाए गए हैं।
केजरीवाल ने महंगाई को भ्रष्टाचार से जोड़ते हुए कहा, 'वर्ष 2007 में तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह ने रिलायंस के दबाव के आगे झुकते हुए 2014 तक 4.25 डॉलर प्रति युनिट के हिसाब से अनुमति दे दी।' उन्होंने कहा कि रिलायंस ने फिर दबाव बनाया और गैस की आपूर्ति 14 डॉलर प्रति युनिट की बात कही। इसके अलावा मुकेश अम्बानी ने गैस की जमाखोरी करते हुए गैस उत्पादन 8000 करोड़ युनिट से घटाकर 2000 युनिट कर दी। केजरीवाल ने कहा कि इसकी वजह से गैस आधारित बिजली घरों को बंद करना पड़ा।
केजरीवाल ने कहा, 'जब जयपाल रेड्डी ने रिलायंस की कारगुजारियों के खिलाफ आवाज उठाई और 7000 करोड़ रुपये के जुर्माने का नोटिस भेजा तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। मुकेश अम्बानी के दबाव में रेड्डी को मंत्रालय से हटा दिया गया।' केजरीवाल ने इस मौके पर एक टेप भी सुनाया जो नीरा राडिया और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के रिश्ते के दामाद रंजन भट्टाचार्य के बीच बातचीत पर आधारित है। इस बातचीत के आधार पर केजरीवाल ने दावा किया कि भाजपा और कांग्रेस कैसे रिलायंस की मुट्ठी में हैं। प्रेस कांफ्रेंस के अंत में सवाल पूछने को लेकर हंगामा भी हुआ। हालांकि केजरीवाल ने कहा कि यह उनकी आवाज दबाने की कोशिश है लेकिन वह झुकेंगे नहीं।
केजरीवाल ने सवाल किया कि जब 2006 में तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री मणिशंकर अय्यर ने गैस की कीमत को प्रति इकाई 2.34 डालर से बढ़ाकर 4.2 डालर प्रति इकाई करने की रिलायंस की मांग को मानने से इंकार कर दिया था तब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस बारे में अटॉर्नी जनरल से सलाह क्यों नहीं मांगी? उन्होंने कहा, ‘2006 में अय्यर को हटाया गया और मुरली देवड़ा को लाया गया। उन्होंने (देवड़ा ने) डेढ़ महीने में सभी फाइलों को निपटा दिया। वह अब अटॉर्नी जनरल की राय क्यों मांगते हैं? उनका दिल केवल रिलायंस के लिए ही क्यों धड़कता है?’
बहरहाल पूर्व पेट्रोलियम मंत्री मणिशंकर अय्यर ने आईएसी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उनके समक्ष कभी गैस के दाम बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं आया। नए पेट्रोलियम मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने इन आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इंकार कर दिया। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 31, 2012, 16:25