Last Updated: Thursday, November 29, 2012, 13:17
नई दिल्ली : सोशल नेटवर्किंग साइट पर राजनीतिज्ञों के ऊपर टिप्पणी करने के सम्बंध में हाल ही में हुई गिरफ्तारी को ध्यान रखते हुए सर्वोच्च न्यायाल गुरुवार को `सूचना प्रौद्योगिकी कानून` (आईटी एक्ट) के अनुच्छेद 66ए की सांविधानिक वैधता की जांच करेगा। सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश अल्तमस कबीर ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया।
श्रेयांश सिघाल द्वारा दायर याचिका में अनुच्छेद 66ए के गलत इस्तेमाल पर अदालत का ध्यान खींचने की कोशिश की गई है। इस अनुच्छेद के अंतर्गत किसी वेबसाइट या इलेक्ट्रानिक माध्यमों में अपमानजनक या भड़कीली टिप्पणी करने पर कारवाई का प्रावधान है।
एक वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने भी न्यायालय के सामने पूर्व में इसका उल्लेख किया था और प्रधान न्यायाधीश ने कहा, `हमें इस बात का आश्चर्य है कि किसी ने इस मसले पर अब तक कोई याचिका क्यों दायर नहीं की। हम इन घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लेने पर विचार कर रहे थे।` श्रेयांश ने अपने याचिका में सूचना प्रौद्योगिकी कानून` के अनुच्छेद 66ए के गलत इस्तेमाल करने वाले कुछ घटनाओं का भी उल्लेख किया है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, November 29, 2012, 13:17