Last Updated: Thursday, July 5, 2012, 13:36
मुंबई : आदर्श सोसायटी घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा पहला आरोप पत्र दायर किए जाने के बाद मामले की अलग से जांच कर रहा प्रवर्तन निदेशालय अब अपनी पड़ताल तेज करेगा। प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों ने बताया कि हम आरोप पत्र दायर किए जाने का इंतजार कर रहे थे। अब हम आवासीय घोटाले में पूरी तेजी के साथ जांच करेंगे और देखेंगे कि क्या धन शोधन निषेध अधिनियम के तहत मामला बन सकता है।
सीबीआई ने कल महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, कई अवकाशप्राप्त सेना अधिकारियों और नौकरशाहों सहित 13 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। सूत्रों ने कहा कि हम आरोप पत्र का इंतजार कर रहे थे क्योंकि सीबीआई ने ही पहले मामला दर्ज किया था और जांच शुरू की थी। सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में कहा है कि दक्षिणी मुम्बई के कोलाबा स्थित 31 मंजिला आदर्श इमारत में चव्हाण का भी एक ‘बेनामी’ फ्लैट है ।
एजेंसी आदर्श सोसायटी के 103 में से 24 फ्लैटों से संबंधित ‘बेनामी’ लेनदेन की भी जांच कर रही है। इसने कल विशेष सीबीआई अदालत को बताया था कि इन फ्लैटों के असल मालिकों की पहचान के लिए जांच जारी है।
सीबीआई ने बम्बई उच्च न्यायालय के आदेश पर पिछले साल 17 फरवरी को बेनामी लेनदेन अधिनियम की धारा-3 लगाई थी। सीबीआई सूत्रों के अनुसार जांच में संकेत मिला कि सोसायटी के प्रमोटरों..आरसी ठाकुर और पूर्व कांग्रेसी विधान पाषर्द कन्हैया लाल गिडवानी ने कथित तौर पर ‘बेनामी’ नामों के तहत आठ-आठ फ्लैट खरीदे। बम्बई उच्च न्यायालय पहले ही एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें मामले में धन शोधन निषेध अधिनियम लगाने का आग्रह किया गया है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 5, 2012, 13:36