Last Updated: Thursday, May 2, 2013, 16:21
नई दिल्ली : वर्ष 2013-14 के आम बजट और रेल बजट को संसद ने अपनी मंजूरी दे दी। इसके साथ ही बजट प्रक्रिया पूरी हो गई।
राज्यसभा में वित्त विधेयक, विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों और रेल बजट को बिना चर्चा के ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया गया। लोकसभा इन्हें पहले ही पारित कर चुकी है।
उच्च सदन में वित्त विधेयक, विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों और रेल बजट को लोकसभा को लौटाए जाने से पहले ही भाजपा, वाम, जदयू, तेदेपा, अन्नाद्रमुक, द्रमुक, बीजद और शिवसेना के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया था।
भाजपा सहित विभिन्न दलों ने कहा कि वे सरकार की विभिन्न मुद्दों पर नीतियों और मंशा से नाराज हैं इसलिए वे आम बजट और रेल बजट की चर्चा में भाग नहीं ले रहे हैं, लेकिन वे बजट पारित करने की संवैधानिक अनिवार्यता में कोई अड़चन नहीं डालना चाहते इसलिए सदन से वाकआउट कर रहे हैं।
वित्त विधेयक पर हुई संक्षिप्त चर्चा के जवाब में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कर चोरी करने वालों को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि सरकार ज्यादा लोगों को कर दायरे में लाने के लिए अपने प्रयास तेज करेगी तथा कर बकाये की वसूली के लिए प्रयास तेज किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों के कारण जनवरी से मार्च के बीच तीन माह में कम से कम 50 लाख और लोगों को कर के दायरे में लाया गया।
गौरतलब है कि 28 फरवरी को लोकसभा में वित्त मंत्री पी चिदंबरम द्वारा आम बजट पेश करने के साथ ही बजट प्रक्रिया शुरू हुई थी जबकि रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने 26 फरवरी को रेल बजट पेश किया था। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 2, 2013, 16:21