Last Updated: Wednesday, December 14, 2011, 15:59
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को अनेक राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात के दौरान कहा कि वह चाहते हैं कि संसद के वर्तमान सत्र में आम सहमति से लोकपाल विधेयक को पारित किया जाना चाहिए।
आज लोकपाल विषय पर आयोजित सर्वदलीय बैठक में अपने शुरुआती वक्तव्य में सिंह ने कहा कि सरकार एक अच्छा और प्रभावी लोकपाल विधेयक लाने के लिए प्रतिबद्ध है,जिससे हमारी लोक प्रशासन की व्यवस्था की क्षमताओं को प्रभावित किये बिना भ्रष्टाचार के कैंसर पर लगाम कसने में तेज और सकारात्मक असर पड़े। इस अति गंभीर विषय पर सहयोग और सुझाव मांगते हुए सिंह ने कहा कि लोकपाल विधेयक पर दलीय राजनीति नहीं होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से चाहता हूं कि यह आवश्यक विधेयक सभी दलों के बीच यथासंभव आम सहमति के आधार पर पारित हो जाना चाहिए और इसमें किसी तरह से दलीय राजनीति नहीं होनी चाहिए। सभी लोगों से देश के हितों को ध्यान में रखने का अनुरोध करते हुए सिंह ने कहा कि सरकार यह भी चाहती है कि हमें इसी सत्र में लोकपाल विधेयक पारित करने के सभी प्रयास करने चाहिए जो आम सहमति पर आधारित हो, जो कानून के संरक्षक के तौर पर संसद में बनाई जाए।
प्रधानमंत्री ने अन्य दलों के नेताओं से जानना चाहा कि संसदीय स्थाई समिति की सिफारिशे किस हद तक सदन की भावना से मिलती हैं और किस हद तक अनेक प्रावधान व्यावहारिक एवं प्रभावी हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकपाल विधेयक पर विचार करने वाली संसद की स्थाई समिति ने रिकार्ड समय में बहुत महत्वपूर्ण काम किया है, जिसके लिए उन्होंने समिति के अध्यक्ष अभिषेक सिंघवी और उनके सहयोगी सदस्यों का आभार व्यक्त किया। सिंह ने लोकपाल विधेयक का मसौदा स्थाई समिति को भेजे जाने से पहले संसद में इस विषय पर हुई चर्चा के बारे में राजनीतिक दलों के नेताओं को याद दिलाते हुए कहा कि उस चर्चा के आधार पर वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने उसी दिन लोकसभा और राज्यसभा में दोनों सदनों की भावना ‘सेंस ऑफ हाउस’ के संबंध में वक्तव्य दिया था।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 27 अगस्त के अपने पत्र में उन्होंने अन्ना हजारे से अनशन समाप्त करने का अनुरोध किया था। सिंह ने कहा कि मैंने कहा था कि संसद तीन मामलों में सिद्धांतत: सहमत हो गई है। ये मामले थे, सिटीजन चार्टर, एक उचित प्रणाली के माध्यम से निम्न क्रम की नौकरशाही को लोकपाल के दायरे में लाना और राज्यों में लोकायुक्तों का गठन। उन्होंने कहा कि संसदीय समिति को मार्गदर्शन के लिहाज से सदनों की भावना और संसद में चर्चा के रिकार्ड से अवगत करा दिया गया था।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, December 15, 2011, 00:04