Last Updated: Monday, January 16, 2012, 13:58
नई दिल्ली : सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह ने सोमवार को एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए सरकार द्वारा अपनी जन्मतिथि दावे को खारिज करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की।
ऐसा माना जाता है कि रिट याचिका में उनकी जन्मतिथि को मैट्रिक प्रमाणपत्र और अन्य दस्तावेजों के आधार पर 10 मई 1951 की बजाय 10 मई 1950 मानने के उनके दावे पर सरकार के निर्णय पर प्रश्न खड़ा किया गया है।
यह पहली बार है जब किसी भी सेना प्रमुख ने सरकार को अदालत में खींचा है। याचिका दायर की जा चुकी है और वरिष्ठ अधिवक्ता यू यू ललित सुप्रीम कोर्ट में जनरल सिंह का पक्ष रखेंगे।
जनरल सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि यह मामला उनके ‘सम्मान और ईमानदारी’ का है क्योंकि वह 13 लाख कर्मियों के बल का नेतृत्व करते हैं। उन्होंने प्रश्न किया है कि सरकार ने उनकी जन्मतिथि को बदलने का निर्णय क्यों किया जब उन्होंने सेवा में 36 वर्ष गुजार लिए हैं और पूरे करियर में उन्हें पदोन्नति भी मिली।
जनरल सिंह ने यह कदम अपने और रक्षा मंत्रालय के बीच महीनों से जारी खींचतान के बाद उठाया है जिसके दौरान उन्होंने मंत्रालय में दो बार वैधानिक ज्ञापन दिये। रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने हाल में उनके वैधानिक अभिवेदन को खारिज कर दिया था जिसके बाद इस मुद्दे पर जनरल सिंह के लिए सभी आंतरिक अपील विकल्प समाप्त हो गए।
सरकार के इस निर्णय से जनरल सिंह को 31 मई को अवकाशग्रहण करना होगा। उनका कहना है कि उनकी वास्तविक जन्मतिथि को 10 मई 1951 माना जाए क्योंकि यही तिथि उनके मेट्रिक प्रमाणपत्र में उल्लेखित है। लेकिन रक्षा मंत्रालय ने उनके दावे को खारिज कर दिया था क्योंकि एनडीए परीक्षा के लिए यूपीएससी प्रवेश फार्म में उनकी जन्मतिथि 10 मई 1950 दर्ज है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 17, 2012, 11:28