Last Updated: Tuesday, September 3, 2013, 23:29
नई दिल्ली : संसद जहां राजनीतिक दलों को आरटीआई कानून से बाहर रखने के लिए कानून में संशोधन पर विचार कर रही है, वहीं जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को राजनीतिक दलों को पारदर्शिता कानून के दायरे में लाने की कड़ी वकालत की।
केंद्रीय सूचना आयोग के सम्मेलन में अपने भाषण में उमर ने कहा कि वह इसे लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि उनकी पार्टी उनके विचार से सहमत होगी या नहीं, लेकिन यदि राजनीतिक दल आयकर छूट प्राप्त कर रहे हैं तो उन्हें लोगों के प्रति जवाबदेह होना चाहिए।
मुख्यमतंत्री ने कहा, ‘अब तक मेरी पार्टी उन दलों की सूची में शामिल नहीं है जिन्हें सूचना के अधिकार कानून का हिस्सा बनना है और मैं नहीं जानता कि मेरी पार्टी मेरी कही बात से सहमत होगी या नहीं। लेकिन यदि उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं क्या सोचता हूं तो, मेरा मानना होगा कि मेरी पार्टी के लिए सूचना के अधिकार के दायरे में आना उचित रहेगा।’ (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 3, 2013, 23:29