आर्थिक सुस्ती, सुरक्षा चिंता से बोझिल है सरकार : राष्ट्रपति

आर्थिक सुस्ती, सुरक्षा चिंता से बोझिल है सरकार : राष्ट्रपति

आर्थिक सुस्ती, सुरक्षा चिंता से बोझिल है सरकार : राष्ट्रपतिज़ी न्यूज ब्यूरो

नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार आर्थिक सुस्ती, रोजगार असुरक्षा तथा महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। राष्ट्रपति ने कहा, "मैं इस बात को लेकर जागरूक हूं कि आकांक्षापूर्ण भारत उभर रहा है, एक ऐसा भारत जो अधिक अवसर, बेहतर विकल्प, बेहतर बुनियादी ढांचा तथा बेहतर सुरक्षा चाहता है।"

उन्होंने कहा, "हमारे राष्ट्र की सबसे बड़ी संपत्ति हैं। वे आत्मविश्वास व उत्साह से भरे हुए हैं। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि उनका जुनून, ऊर्जा व उद्यमता देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।"

राष्ट्रपति ने कहा, "इन आकांक्षाओं के बीच हम आर्थिक सुस्ती, रोजगार सुरक्षा एवं रोजगार की संभावनाओं को लेकर भी चिंतित हैं। लोग हमारी महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। उनमें सामाजिक एवं आर्थिक असमानता को लेकर भी चिंता है।"

संसद के बजट सत्र का अभिभाषण शुरू करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि बीते साल दुनिया को आर्थिक मंदी से जूझना पड़ा है जिसका असर भारत पर भी पड़ा है।

प्रणब मुखर्जी ने कहा भारत के सामने मंदी बड़ी चुनौती रही है और देश की धीमी जीडीपी वैश्विक मंदी की वजह से प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि मंदी और बेरोजगारी देश के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है। उन्होंने केंद्र की डायरेक्ट कैश सब्सिडी योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे लोगों को फायदा होगा और भ्रष्टाचार कम होगा।

उन्होंने कहा कि देश में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध को रोकने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि देश में लगातार दो साल अनाज का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में सरकार की नीतियां प्रयोगधर्मी रही है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा बिल लागू करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने फूड प्रोसेसिंग को लेकर भी सराकर के ठोस कदम उठाए जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा बिल को लागू करवाकर रहेंगे।

उन्होंने कहा कि देश में मंदी, बेरोजगारी और महंगाई एक बड़ी चुनौती है, महंगाई तो कम हुई है लेकिन अब भी यह चिंता का विषय बनी हुई है। उन्होंने कहा कि 12वीं योजना में सबके लिए विकास पर जोर रहेगा।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने केंद्र सरकार के मनरेगा योजना से पांच करोड़ लोगों को रोजगार मिलने की बात कही। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय आवास योजना के तहत 10 लाख नए घर बनाए गए हैं।

First Published: Thursday, February 21, 2013, 11:28

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