Last Updated: Tuesday, January 8, 2013, 15:59

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को पुलिस को यह स्पष्ट करने आदेश दिया कि किस प्रकार से विशेष कार्यकारी मजिस्ट्रेट को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत छह महीने के लिए निषेधाज्ञा लगाने का अधिकार दिया जा सकता है जबकि यह नागरिकों के बुनियादी अधिकारों के खिलाफ है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी मुरूगेसन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि आप दो सप्ताह के भीतर यह बतायें कि सरकार किस प्रकार से आपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 144 छह महीने तक लगाने का अधिकार प्रदान कर सकती है। उन्होंने कहा कि आप इस तरह समान रूप से धारा 144 नहीं लगा सकते हैं क्योंकि यह नागरिकों के बुनियादी अधिकार के प्रतिकूल है। अदालत अपराध प्रक्रिया संहिता के तहत निषेधाज्ञा लगाने हेतु दिशानिर्देश तैयार करने के लिए निर्देश जारी करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।
अदालत ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए उसे इस पर विस्तृत जवाब देने का आदेश दिया है। इस मामले की में अब छह फरवरी को आगे सुनवाई होगी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 8, 2013, 15:59