Last Updated: Tuesday, June 18, 2013, 16:45

नई दिल्ली : मूसलाधार बारिश की वजह से उत्तर भारत में मंगलवार को 11 और लोग मारे गए और इस तरह की घटनाओं में मृतकों की कुल संख्या 73 हो गयी। वहीं चार धाम की यात्रा पर गए 71,440 श्रद्धालु मानसून में हो रही भारी वारिश से तबाही का शिकार बने उत्तराखंड में जबकि 1700 अन्य हिमाचल प्रदेश में फंसे हुए हैं।
हालांकि अचानक आयी बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के इलाकों में बचाव अभियान ने तेजी पकड़ी है। इन इलाकों में बारिश रुकने से गंगा नदी और इसकी सहायक नदियों के जलस्तर में कमी आयी है। पूरे उत्तराखंड राज्य में अभी भी तबाही और बेबसी का मंजर दिख रहा है।
उत्तराखंड में अचानक बाढ़ आने, बादल फटने और भूस्खलन की वजह से अब तक 44 लोग मारे जा चुके हैं, कई घायल हुए और 175 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग सबसे बुरी तरह प्रभावित रहा जहां 20 लोग मारे गए और अलकनंदा नदी के किनारों से लगे 40 होटलों समेत 73 इमारतें नदी की तेज धाराओं में बह गयीं।
केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री तीर्थस्थलों की यात्रा पर गए कुल 71,440 श्रद्धालु रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी में फंसे हुए हैं। सड़क तंत्र को पहुंचे भारी नुकसान की वजह से प्रसिद्ध चार धाम यात्रा अब भी बंद है।
आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि सर्वाधिक 27,040 श्रद्धालु चमोली में, 25,000 रूद्रप्रयाग में और 9,850 श्रद्धालु उत्तरकाशी में फंसे हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि उत्तरकाशी में भागीरथी और ऋषिकेश में गंगा नदी का जलस्तर घटना शुरू हो गया है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 18, 2013, 15:17