Last Updated: Friday, June 21, 2013, 22:01

नई दिल्ली : उत्तराखंड में बचाव एजेंसियों को राज्य के विभिन्न गांवों के स्थानीय निवासियों से कठिन चुनौती का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि वे भी फंसे हुए पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के साथ प्रभावित क्षेत्रों से भाग रहे हैं।
आईटीबीपी प्रमुख अजय चड्ढा ने बाढ़ प्रभावित राज्य में राहत अभियानों के पांचवें दिन कहा कि उन्होंने गुरुवार से केदारनाथ मंदिर क्षेत्र से तकरीबन 25 हजार लोगों को बचाया है। चड्ढा ने अभियान की जानकारी देते हुए संवाददाताओं से कहा कि स्थानीय लोग अब अपने आवास से बाहर आ रहे हैं क्योंकि वे भी अशांत क्षेत्र को छोड़ना चाहते हैं। फंसे हुए लोगों के साथ उन्हें भी बचाया जा रहा है।
चड्ढा ने कहा कि एजेंसियां अब विस्तार करने और राज्य के विभिन्न हिस्सों में बड़े हेलिपैड बनाने का प्रयास कर रही हैं ताकि एमआई-17 जैसे बड़े हेलिकॉप्टर उतर सकें और अधिक लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने के दौरान और अधिक भोज्य पदार्थ और पानी पहुंचा सकें।
डीजी ने कहा कि करीब 500 से 700 लोग अब भी केदारनाथ इलाके में मौजूद हैं और बचाए जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। चड्ढा ने कहा कि बचाव अभियान में दो से तीन दिन और लगना चाहिए। हम अधिक से अधिक लोगों को बचाने में सफल हो रहे हैं क्योंकि मौसम बेहतर हो रहा है और साजो-सामान में सुधार हो रहा है। चड्ढा ने कहा कि गौरीगांव से 350 लोगों को विमान से दूसरे स्थान पहुंचाया गया जबकि केदारनाथ के निकट रामबाड़ा से 276 लोगों को बचाया गया।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने जोशीमठ और बद्रीनाथ के बीच एक रस्सी का पुल भी बनाया ताकि उन लोगों को वहां से निकाला जा सके जो खो चुके हैं या खराब मौसम के कारण वहां शरण लिए हुए हैं। चड्ढा ने कहा कि आईटीबीपी अब अधिक से अधिक पुल बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बीच संपर्क तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि बचाव कार्य में अधिक हेलिकॉप्टरों को लगाया गया है। (एजेंसी)
First Published: Friday, June 21, 2013, 22:01