Last Updated: Thursday, June 20, 2013, 21:32

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र और उत्तराखंड सरकार को निर्देश दिया कि वे राज्य में आई अचानक बाढ़ के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हजारों लोगों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करें और उन्हें भोजन और पेयजल प्रदान करें।
न्यायमूर्ति एके पटनायक और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की पीठ ने इलाके में बाढ़ प्रभावित लोगों को बचाने के लिए पर्याप्त संख्या में हेलिकॉप्टर तैनात करने का सरकारों को निर्देश दिया।
पीठ ने कहा कि हम अंतरिम कदम के तौर पर निर्देश देते हैं कि सभी फंसे हुए लोगों को राज्य और जिला प्रशासन खाना, दवा और ईंधन समेत अन्य आवश्यक वस्तुएं प्रदान करके तत्काल राहत प्रदान करे। उसने केंद्र और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से राज्य सरकार को सभी आवश्यक संसाधन प्रदान करने को कहा।
न्यायालय ने यह आदेश अधिवक्ता अजय बंसल की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिया। इसमें राज्य में फंसे लोगों को बचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी। पीठ ने यह भी कहा कि अधिकारियों को राहत और पुनर्वास अभियानों में प्रभावित लोगों के बीच भेदभाव नहीं करना चाहिए। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि सरकारी एजेंसियां गंगोत्री में फंसे लोगों के साथ भेदभाव कर रही हैं।
पीठ ने केंद्र को 25 जून को राज्य में राहत और पुनर्वास कार्य पर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। उस दिन ही मामले पर आगे की सुनवाई होगी। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि हम यह भी निर्देश देते हैं कि फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए पर्याप्त संख्या में हेलिकॉप्टर तैनात किए जाएं। यह हेलिकॉप्टरों की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। यद्यपि आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या 150 से अधिक बताई गई है लेकिन इस बात की आशंका है कि 90 रेस्ट हाउसों में ठहरे हुए हजारों तीर्थयात्री बह गए होंगे। (एजेंसी)
First Published: Thursday, June 20, 2013, 21:32