Last Updated: Monday, August 12, 2013, 23:14
नई दिल्ली : चुनावी घोषणापत्र में मुफ्त उपहार देने के वादों को राजनीतिक पार्टियां गलत नहीं मानतीं हैं। भारतीय काम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई)के नेता डी. राजा ने कहा कि इस तरह के वादे करना संविधान के विरुद्ध नहीं है।
इस मसले को लेकर सोमवार को चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की। चुनावी घोषणा पत्र में लुभावने वादे करने के मसले पर डी. राजा ने संवाददाताओं से कहा कि हमें राजनीतिक पार्टियों द्वारा लोगों से वादे किए जाने में कुछ गलत नहीं लगता। संविधान में इसकी अनुमति है। राजनीतिक पार्टियां तय कर सकती हैं कि कैसे कुछ विशिष्ट आवश्यक चीजें लोगों को उपलब्ध कराएं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि इस मुद्दे को मतदाता की समझ पर ही छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि धनबल के दुरुपयोग को लेकर चर्चा होनी चाहिए। लेकिन जहां तक लोगों को चीजें देने का संबंध है, तो इसे जनता के विवेक पर छोड़ दिया जाए। प्रसाद ने कहा कि दक्षिण में टीवी और मुफ्त केबल कनेक्शन दिलाने का वादा करने वाली एक राजनीतिक दल को पराजय का सामना करना पड़ा।
सोमवार को चुनाव आयोग ने राजधानी में राजनीतिक दलों से मुफ्त उपहार संबंधी घोषणापत्र पर दिशानिर्देश तय करने पर विचार विमर्श किया। 5 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से इस तरह के वादों पर दिशानिर्देश तय करने के लिए कहा था। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 12, 2013, 23:14