Last Updated: Monday, November 21, 2011, 14:58
नई दिल्ली/लखनऊ : उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती को राज्य के बंटवारे के उनके प्रस्ताव के लिए कांग्रेस, भाजपा और समाजवादी पार्टी की कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है और इन दलों ने इसे राजनैतिक अवसरवाद करार दिया है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में राज्य को चार हिस्सों में बांटने संबंधी प्रस्ताव के पारित होने के तुरंत बाद मायावती के विरोधियों ने इस कदम को लोकतंत्र की हत्या, राजनैतिक हथकंडा और विभाजनकारी रणनीति करार दिया।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, अगर कुछ लोग सोचते हैं कि उत्तर प्रदेश के लोग मूर्ख हैं और राजनैतिक अवसरवाद से प्रेरित इस प्रस्ताव को नहीं देख सकते हैं तो उन्हें (चुनाव में) माकूल जवाब मिलेगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश ने बिना चर्चा के प्रस्ताव पारित किए जाने को लोकतंत्र की हत्या करार दिया। उन्होंने भाजपा और समाजवादी पार्टी को भी इस मुद्दे पर आड़े हाथ लिया। भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने इस समूचे प्रकरण को उत्तर प्रदेश में विगत साढ़े चार वर्षों में बसपा के कुशासन के पापों को ढंकने के प्रयास के तौर पर देखा।
मायावती के चिर विरोधी और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने तो यहां तक मांग कर डाली कि केंद्र उत्तर प्रदेश विधानसभा की आज की उस कार्यवाही को निरस्त कर दे, जिसमें प्रस्ताव पारित किया गया।
उन्होंने कहा, इस विभाजनकारी रणनीति का लक्ष्य उनका (मायावती का) अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार से जनता का ध्यान हटाना है और हमारी पार्टी किसी भी कीमत पर राज्य के विभाजन की अनुमति नहीं देगी।
(एजेंसी)
First Published: Monday, November 21, 2011, 22:57