Last Updated: Monday, January 23, 2012, 16:30
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सांसद क्षेत्रीय विकास निधि (एमपीलैड) और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तालमेल को मंजूरी प्रदान कर दी है। सरकार को एमपीलैड को मनरेगा के साथ मिलाने के संबंध में अनेक ज्ञापन मिले थे। मामले का अध्ययन के बाद सरकार ने यह फैसला किया।
सोमवार को यहां जारी सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन राज्यमंत्री श्रीकांत कुमार जेना ने इसे मंजूरी प्रदान की। इसके लिए एमपीलैड के दिशानिर्देशों में पैरा 3,17,1 जोड़ा गया है जिसके मुताबिक और अधिक दीर्घकालिक परिसंपत्तियों को जुटाने के उद्देश्य से एमपीलैड की राशि को मनरेगा से मिलाया जा सकेगा।
जिला पंचायत द्वारा मंजूर मनरेगा परियोजनाओं में से सांसद एमपीलैड के अंतर्गत कार्यों की सिफारिश कर सकते हैं जो जिला कार्यक्रम संयोजक द्वारा स्वीकृत हों और जिले के मनरेगा कार्यक्रम के अंतर्गत मंजूर वाषिर्क कार्य योजना का हिस्सा हों। जहां तक संभव हो एपीलैड की राशि को सामग्री पर खर्च करना होगा। विज्ञप्ति के मुताबिक एक बार मनरेगा के तहत काम की सिफारिश करने के बाद सांसद को इसे वापस लेने का अधिकार नहीं होगा। दोनों के खर्चों के खाते अलग-अलग संचालित किए जाएंगे। (एजेंसी)
First Published: Monday, January 23, 2012, 22:00