Last Updated: Friday, November 23, 2012, 20:50

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री वी. नारायणसामी ने आज कहा कि लोकपाल विधेयक में सीबीआई की शक्तियों के बारे में ‘सहमति’ तक पहुंचने के लिए सांसदों और सिविल सोसाइटी के सदस्यों के साथ काफी मशक्कत की गई।
नारायणसामी ने यहां सीबीआई मुख्यालय में भ्रष्टाचार रोधी एवं संपत्ति बरामदगी पर दूसरे इंटरपोल वैश्विक कार्यक्रम के विदाई भाषण सत्र में कहा कि लोकपाल विधेयक में जो मुख्य प्रावधान जोड़े गए हैं उससे सीबीआई और केंद्रीय सतर्कता आयोग मजबूत होगा। कार्मिक मामलों के राज्य मंत्री ने कहा कि जहां तक लोकपाल की बात है, इसकी भूमिका सिर्फ अधीक्षण करने और निर्देश देने की होनी चाहिए न कि नियंत्रण करने की।
उन्होंने कहा, ‘यह सहमति का एक बड़ा क्षेत्र है जिसे हमने सांसदों, सिविल सोसायटी और गैर सरकारी संगठनों से काफी मशक्कत करने के बाद हासिल किया है।’ नारायणसामी ने इस बात पर भी चिंता जताई कि आधुनिक समय में वैश्विक वित्तीय बाजार ने धन के दूर-दूर तक और पहले की तुलना में कहीं अधिक तेजी से प्रवाह को सुगम बना दिया है।
उन्होंने कहा कि खासकर संगठित अपराध के मामलों में धन का पता लगाना, उसे जब्त करना और बरामद करना बहुत मुश्किल और पेचीदा है इसलिए हम सभी को समय के साथ चलने के लिए अपनी जानकारी और कौशल को अद्यतन करने की जरूरत है। इसके पहले अपने संबोधन में सीबीआई निदेशक एपी सिंह ने कहा कि संचार के औपचारिक एवं अनौपचारिक..दोनों माध्यमों को और मजबूत करने के लिए दुनिया भर में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मजबूत करने की जरूरत है ताकि भ्रष्टाचार के मामले से निपटा जा सके।
सिंह ने एक `संपत्ति बरामदगी जानकारी केंद्र’ स्थापित करने की सिफारिश करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार की गतिविधियों से हासिल की गई आय को बरामद करना एक मुश्किल कार्य है क्योंकि कानूनी प्रणालियों, बैंकों की गोपनीयता के मुद्दे पर मतभेद है तथा व्यापक अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं सूचना साझा करने में कमी है। इस कार्यक्रम में इंटरपोल के वरिष्ठ अधिकारियों सहित मालदीव, मलेशिया, फिजी, पाकिस्तान, श्रीलंका, अफगानिस्तान, भूटान सहित नौ देशों के 29 प्रतिनिधि शरीक हुए। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 23, 2012, 20:50