Last Updated: Thursday, February 9, 2012, 13:37
बेंगलूर : अश्लील वीडियो मामले के बाद विपक्षी कांग्रेस और जदएस ने कर्नाटक सरकार पर दबाव बढ़ाते हुए गुरुवार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिद्दरामैया ने कहा कि हमने राज्यपाल से मुलाकात की और संवैधानिक कानूनों के अनुरूप शासन में नाकामी पर केन्द्र सरकार से धारा 356 के तहत (कर्नाटक) विधानसभा भंग करने की सिफारिश करने का उनसे आग्रह किया।
सिद्दरामैया ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार सभी मोचरें पर नाकाम रही है। वह विभिन्न लोक योजनाओं को कार्यान्वित कराने में और सदन की मर्यादा बनाए रखने में नाकाम रही है। इसमें नवीनतम घटना वह है जिसमें तीन मंत्री विधानसभा की कार्यवाहियों के दौरान सेलफोन पर अश्लील क्लिपिंग देखते हुए पकड़े गए। विपक्ष का यह आक्रामक तेवर विभिन्न ओर से हो रही आलोचनाओं के मद्देनजर शर्मिंदा भाजपा नेतृत्व के तीनों मंत्रियों को त्यागपत्र देने के निर्देश देने के एक दिन बाद आया है।
कर्नाटक विधानसभा में मोबाइल फोन पर अश्लील वीडियो देखने वाले तीन पूर्व मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर गुरुवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी पार्टियों ने एक-दूसरे पर जमकर हमला बोला। विपक्ष ने तीनों पूर्व मंत्रियों को विधानसभा से निष्कासित करने की मांग की है। मुख्यमंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा ने विधानसभा में मंगलवार को मंत्री जे. कृष्णा पालेमर के मोबाइल फोन पर अश्लील वीडियो देखने वाले लक्ष्मण सवदी और सी.सी. पाटील दोनों मंत्रियों के कृत्य की जांच के लिए विधानसभा की एक समिति गठित करने के अपने फैसले को जायज ठहराया। इस घटना को लेकर राज्यभर में हंगामा खड़ा होने पर तीनों मंत्रियों ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, February 9, 2012, 22:07