कांस्टेबल की मौत पर उठे सवाल, शरीर पर नहीं थे कोई गंभीर जख्‍म- Delhi gang-rape protests: Constable had no major external injury, says doctor

कांस्टेबल की मौत पर उठे सवाल, शरीर पर नहीं थे कोई गंभीर जख्‍म

कांस्टेबल की मौत पर उठे सवाल, शरीर पर नहीं थे कोई गंभीर जख्‍मज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो/एजेंसी

नई दिल्ली : दिल्‍ली पुलिस के कांस्टेबल सुभाष चंद तोमर की मौत के कारणों पर भी सवाल उठने लगे हैं। इंडिया गेट पर प्रदर्शन के दौरान कांस्‍टेबल की मौत का दावा दिल्‍ली पुलिस की ओर से किया गया था, वहीं मौके पर मौजूद एक चश्‍मदीद ने बुधवार को दावा किया कि कांस्‍टेबल को प्रदर्शनकारियों ने नहीं पीटा था बल्कि पैदल चलते समय वह गश खाकर गिर पड़े थे।

इस बीच, राम मनोहर लोहिया अस्‍पताल के डॉक्‍टर पीएस सिद्धू ने कहा कि कांस्‍टेबल सुभाष चंद तोमर के शरीर पर गंभीर चोट के निशान नहीं थे। जब कांस्‍टेबल को अस्‍पताल लाया गया था, उस समय शरीर के अदंरुनी और बाहरी हिस्‍से में भी कोई बड़ा जख्‍म नहीं था। डॉक्‍टर ने यह भी कहा कि शरीर में कोई फ्रैक्‍चर नहीं था, हालांकि, तोमर के घुटने और छाती पर कुछ जख्‍म थे।

डाक्‍टर ने यह भी कहा कि कांस्‍टेबल के शरीर पर जख्‍म के कोई बड़े निशान नहीं थे। जब कांस्‍टेबल को अस्‍पताल लाया गया, उस समय उनका कोई पल्‍स नहीं था। कांस्‍टेबल को टोटल कॉलेप्‍स की स्थिति में अस्‍पताल लाया गया। डाक्‍टरों ने उन्‍हें आईसीयू में भर्ती किया, जहां उन्‍हें वेंटिलेटर पर रखा गया। जब उनसे पूछा गया कि क्‍या यह केस हार्ट अटैक का था, जिस पर सिद्धू सीधे कुछ कहने से बचे। उन्‍होंने कहा कि हमारे रिकार्ड के मुताबिक उनके शरीर पर कोई गंभीर जख्‍म नहीं थे और पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट में सब कुछ सामने आ जाएगा।

उधर, पत्रकारिता के छात्र योगेंद्र ने पुलिस के उस तर्क पर सवाल उठाए हैं जिसमें बताया गया था कि कांस्टेबल सुभाष चंद तोमर की प्रदर्शनकारियों ने पिटाई की जिसके चलते उनकी मौत हो गई। योगेंद्र का कहना है कि तोमर स्वयं ही गिर गए। दिल्ली पुलिस ने इस विवाद में शामिल होने से इनकार कर दिया। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने कहा कि जब तक पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट बाहर नहीं आती वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। वहीं, पुलिस ने आज इंडिया गेट और रायसीना हील पर यातायात में ढील दे दी पर इलाके में प्रदर्शनों पर निषेधाज्ञा आदेशों को जारी रखा गया है।

मंगलवार को दिल्‍ली पुलिस आयुक्त ने कहा था कि तोमर को गर्दन, सीने और पेट में आंतरिक चोटें आयी थीं। उन्होंने कहा था कि अभी पोस्ट मार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है जिससे तोमर की मौत के सही कारण का पता लग सके। जारी इस बीच, आम आदमी पार्टी ने पुलिस आयुक्त नीरज कुमार को हटाये जाने की मांग की है। पार्टी का आरोप है कि पुलिस आठ निर्दोष युवकों को गिरफ्तार कर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।

राम मनोहर अस्पताल के चिकित्सकों ने कहा कि जब कांस्टेबल तोमर को अस्पताल लाया गया तो उनके शरीर पर चोटों के निशान नहीं थे। उनको हृदयाघात आया था। चश्मदीद योगेंद्र ने कहा कि वह अपनी एक मित्र के साथ इंडिया गेट पर था। उसने बताया कि मैनें एक पुलिसकर्मी को देखा जो प्रदर्शनकारियों की ओर भाग रहा था और अचानक गिर गया। हम उसकी ओर बढ़े, उसके पास कुछ पुलिसकर्मी भी खड़े थे। अचानक से वह पुलिसकर्मी अन्य प्रदर्शनकारियों की ओर बढ़ गए।

योगेंद्र ने कहा कि मैं एक पीसीआर वैन की ओर बढ़ा, जिससे उसे अस्पताल ले जाया गया। मैं भी उनके साथ उसी वाहन में बैठकर गया। उनके शरीर पर चोटों के निशान नहीं थे। न ही उन्हें भीड़ द्वारा कुचला गया था न ही उन पर हमला किया गया। पुलिस के दावे झूठे हैं। मैं यह सुनकर हैरान हूं कि उनकी मौत के सिलसिले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। योगेंद्र के दावे पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह दावा दिल्ली पुलिस के तर्कों के विपरीत है। उन्होंने कहा कि क्या दिल्ली पुलिस झूठ बोल रही है?

उधर, पार्टी के योगेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि टीवी के फुटेज में जो सामने आया है वह पुलिस के बयान से बिल्कुल अलग है। उन्होंने बताया कि पुलिस का यह दावा कि प्रदर्शनकारियों ने उनकी पिटाई की और उन्हें कुचला गया जिसकी वजह से उनकी मौत हुई गलत है। वीडियो में भी दिख रहा है कि वह खुद ही गिर गए। ‘आप’ के प्रवक्ता मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि पुलिस अपनी गलतियों को छिपाने के लिये इस मामले का ‘राजनीतिकरण’ कर रही है।

First Published: Wednesday, December 26, 2012, 15:07

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