Last Updated: Monday, March 11, 2013, 20:14
नई दिल्ली : कार्यस्थल पर महिलाओं को यौन उत्पीड़न से बचाने तथा इस संबंध में विभिन्न संरक्षणकारी कानूनों का प्रावधान करने संबंधी विधेयक में राज्यसभा द्वारा सुझाए गए कुछ संशोधनों को सोमवार को लोकसभा ने अपनी मंजूरी प्रदान कर दी।
महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने राज्यसभा में किये गये संशोधनों की सिफारिश समेत ‘महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध तथा प्रतितोष) विधेयक 2012’ निचले सदन में पेश किया जिसे ध्वनिमत से सहमति मिल गयी।
विधेयक में प्रावधान किया गया है कि सभी कार्यालयों, अस्पतालों, संस्थानों और अन्य कार्यस्थलों पर आंतरिक स्तर पर यौन उत्पीड़न संबंधी शिकायतों के निवारण के लिए तंत्र होना चाहिए। विधेयक में झूठी शिकायतों से निपटने के उपाय भी किए गए हैं।
लोकसभा ने इस विधेयक को पिछले वर्ष सितंबर में जबकि राज्यसभा ने 26 फरवरी को पारित किया था। राज्यसभा ने विधेयक को पारित करने के साथ ही इसमें कुछ संशोधनों की सिफारिश की थी।
इस विधेयक में घरेलू सहायिकाओं समेत महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामले में 90 दिनों के भीतर कड़ी सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
इसमें यौन उत्पीड़न की परिभाषा को विस्तार प्रदान करते हुए इसमें अवांछित व्यवहार, यौन संबंधों की अपील और भद्दी टिप्पणियां करना या अश्लील सामग्री दिखाना भी शामिल किया गया है। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 11, 2013, 20:14