Last Updated: Wednesday, July 3, 2013, 14:33
नई दिल्ली : मनोनीत प्रधान न्यायाधीश पी. सदाशिवम ने कहा है कि उच्च अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित कॉलेजियम प्रणाली और संविधान में महाभियोग प्रावधानों में बदलाव की कोई आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने इस आलोचना को खारिज किया कि यह पारदर्शी नहीं है और सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है। सदाशिवम ने कहा कि हालांकि, न्यायपालिका नियुक्ति की वर्तमान प्रणाली में सुधार के लिए कोई भी अच्छे सुझाव देने या कदम उठाने का स्वागत करती है।
सरकार की इस बात से सहमति जताते हुए कि सरकार उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों का ‘चयन’ करने की स्थिति में नहीं है, उन्होंने कहा कि वह महसूस करते हैं कि प्रणाली को बदलने का एकमात्र रास्ता यह है कि सरकार इस संबंध में अपने दो महत्वपूर्ण फैसलों की समीक्षा करे या फिर संवैधानिक संशोधन करे। न्यायमूर्ति सदाशिवम ने स्वीकार किया कि सरकार के अन्य अंगों की तरह न्यापालिका में भी भ्रष्टाचार है, लेकिन ‘यह न के बराबर है।’ संविधान के महाभियोग के प्रावधानों का मजबूती से बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि झूठी शिकायतों और हटाने के प्रयासों से उच्च अदालतों के न्यायाधीशों को मजबूत सुरक्षा दिए जाने की जरूरत है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 3, 2013, 14:33