खुर्शीद के बयान पर भड़की टीम अन्ना - Zee News हिंदी

खुर्शीद के बयान पर भड़की टीम अन्ना

नई दिल्ली : जनलोकपाल विधेयक के लिए अभियान चलाने वाले गांधीवादी अन्ना हजारे की प्रमुख सहयोगी किरण बेदी ने सरकार के लोकपाल को संवैधानिक दर्जा दिए जाने के कदम पर सवाल खड़ा करते हुए बुधवार को कहा कि यह विधेयक के पारित होने में विलंब डालने या उससे बचने और लोगों को ‘मूर्ख’ बनाने का एक सुनिश्चित तरीका है।
किरण बेदी ने माइक्रो ब्लागिंग वेबसाइट पर कहा, ‘यदि सरकार शीतकालीन सत्र में लोकपाल विधेयक लाने के प्रति गंभीर है तो उसे सबसे पहले लोकपाल विधेयक पर मतदान करवाना चाहिए। संवैधानिक दर्जा इसे टालने या बचने का एक सुनिश्चित तरीका है।’ एक सवाल के जवाब में किरण बेदी ने कहा, ‘संवैधानिक दर्जा इसे (लोकपाल विधेयक) खत्म करने का तरीका है क्योंकि इसके लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होगी जो लालू एवं मायावती के रहते और ज्यादा कठिन होगा।’
यह पूछे जाने पर कि क्या आप ऐसा लोकपाल चाहते हैं जो संवैधानिक ढांचे के बाहर हो, इस पर किरण बेदी ने कहा कि सरकार की यह विलंब करने की रणनीति है। उन्होंने कहा कि सरकार इसे संवैधानिक दर्जा तब देगी जब उनके पास पर्याप्त संख्या बल होगा। किरण बेदी ने कहा कि लोकपाल को संवैधानिक दर्जा देने की बात बघ्घी के आगे घोड़ा लगे होने जैसा है। यह कल्पना में बनाए जाने वाले केक के लिए ब्रेड नहीं होने के समान है। वे किसे मूर्ख बना रहे हैं ?
इससे पहले कल केन्द्रीय विधि मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा था, ‘हम एक बहुत मजबूत लोकपाल विधेयक के मसौदे पर काम कर रहे हैं जो चुनाव आयोग से अधिक मजबूत होगा। लोकपाल विधेयक संविधान संशोधन के साथ आएगा। इस संशोधन से लोकपाल का दर्जा संवैधानिक प्राधिकार का हो जाएगा।’ इससे पहले मजबूत लोकपाल विधेयक के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अन्ना से चुनाव सुधार के लिए ‘राइट टू रिजेक्ट’ की उनकी मांग के संदर्भ में कहा था कि इसके लिए राजनीतिक सहमति की जरूरत है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, October 12, 2011, 12:43

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