Last Updated: Sunday, May 26, 2013, 14:03

नई दिल्ली : उत्तर भारत में दिन-ब-दिन बढ़ती गर्मी से राहत के लिए दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की आस लगाए बैठे लोगों का इंतजार अभी और लंबा हो सकता है। दरअसल मौसम वैज्ञानिकों ने केरल में मॉनसून के अभी एक सप्ताह बाद पहुंचने का अनुमान लगाया है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान विभाग के प्रमुख डी शिवानंद पई ने मॉनसून की प्रगति के बारे में पूछने पर ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘ अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है।’’ मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि परिस्थितियां आगामी तीन दिनों में बंगाल की खाड़ी के उपर कुछ हिस्सों में मॉनसून के और आगे बढ़ने के अनुकूल बन रही है। हालांकि वैज्ञानिक इसे केरल में जल्दी मॉनसून आने के संकेत के रूप में नहीं देख रहे हैं।
राष्ट्रीय मध्यम रेंज मौसम पूर्वानुमान केंद्र की निदेशक स्वाति बसु ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘ हम मॉनसून के केरल में तीन जून को आने के आईएमडी के पूर्वानुमान पर डटे हुए हैं।’’ भारत की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए अहम मॉनसून के तहत अंडमान सागर में सामान्य तिथि से तीन दिन पहले 17 मई को पहली बारिश हुई थी। मॉनसून 17 और 20 मई के बीच आगे बढ़ा था लेकिन इसके बाद यह आगे नहीं बढा।
तटीय बंगलादेश और म्यांमा के कुछ हिस्सों में आए महासेन चक्रवात ने मॉनसून हवाओं से नमी सोख नहीं है। पई ने केरल में मॉनसून आने में देरी का कारण पूछे जाने पर कहा,‘‘ चक्रवाती गतिविधि मॉनसून की गति को कमज़ोर कर देती है।’’ उत्तर भारत के तापमान में पिछले सप्ताह से वृद्धि हो रही है। राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में कल तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया।
मॉनसून पर नज़र रखने वालों को केरल में इसके आने के बाद जून के पहले सप्ताह में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने पिछले महीने पूर्वानुमान लगाया था कि इस वर्ष 98 प्रतिशत दीर्घकालीन औसत बारिश के साथ सामान्य मॉनसून की संभावना है। मॉनूसन चावल, सोयाबीन, कपास और मकई जैसी खरीफ फसलों के लिए महत्वपूर्ण है। देश की 60 प्रतिशत कृषि सिंचाई के लिए वर्षा पर ही निर्भर करती है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, May 26, 2013, 14:03