Last Updated: Sunday, December 23, 2012, 18:24

पटना : लोजपा प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बलात्कार को हत्या से भी जघन्य अपराध बताते हुए आज कहा कि इसको लेकर कडा कानून बनाने के लिए अगर सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाती है तो वह उसका स्वागत करेंगे।
यहां पासवान ने बलात्कार को हत्या से भी जघन्य अपराध बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और गृह मंत्री पी चितंबरम ने इस मामले को लेकर कल जिस प्रकार की तत्परता दिखायी तथा बैठक कर चिंता जाहिर की उससे लगता है कि सरकार गंभीर है। यदि सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाती है तो वह उसका स्वागत करेंगे।
पासवान ने कहा कि केंद्र सरकार ने इसे लेकर कानूनी आयोग बनाने की बात कही है। लेकिन यह सरकार की नीयत पर निर्भर करता है कि वह इसको लेकर आगे भी कितना गंभीर रहती है। वर्तमान में इसको लेकर जारी आंदोलन के खत्म होने पर भी यह मुद्दा अपने अंजाम तक पहुंच सके, इस दिशा में कोशिश किए जाने की आवश्यकता है।
बलात्कार के मामले में फांसी की सजा की मांग के बारे में पूछे जाने पर पासवान ने कहा कि दुनिया में सौ से अधिक देश ऐसे हैं जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव के जरिए फांसी की सजा को समाप्त किए जाने की मांग की थी।
उन्होंने कहा कि समाजवादी आंदोलन से आने वाले हम लोग फांसी की सजा का विरोध करते रहे हैं, लेकिन आज भी कई देशों में फांसी की सजा बरकार है।
पासवान ने कहा कि इस मामले में आशंका है कि फांसी की सजा दिए जाने के भय से बलात्कारी पहचान से बचने के लिए साक्ष्य को मिटाने के लिए कहीं पीडिता की हत्या न कर दे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पिछले रविवार को चलती बस में पैरा-मेडिकल छात्रा के साथ हुई सामूहिक बलात्कार की घटना की, जितनी भी भर्त्सना की जाए कम है। ऐसे मामलों में जितनी कडी से कडी सजा हो इसके वे पक्षधर हैं।
हालांकि, बलात्कार के आरोपी को फांसी दिए जाने से असहमत पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी बलात्कार में मामले में वर्तमान में जो कानून है उसमें संशोधन की पक्षधर है और इसके लिए कडा कानून बनाने की आवश्यकता है।
दहेज के कानून के दुरूपयोग का उदाहरण देते हुए पासवान ने कहा कि बलात्कार के मामले में बनाये जाने वाले कानून में ऐसा प्रावधान किया जाए कि किसी निर्दोष के फंसने की गुंजाइश नहीं हो।
पासवान ने आरोप लगाया कि दिल्ली में गत रविवार को चलती बस में एक छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार की घटना का जिस प्रकार से विरोध हुआ वह सबके सामने हैं। बिहार में इस प्रकार की घटनाएं रोज घटित हो रही हैं, पर नीतीश सरकार इस मामले कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
नीतीश सरकार के सात वर्षों कार्यकाल के दौरान बिहार में 7770 महिलाओं के साथ बलात्कार होने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि सुशासन की बात करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अक्सर कानून व्यवस्था की स्थिति के बेहतर होने का दावा करते रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि उनके कार्यकाल में आपराधिक घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का यह कहना कि अब बिहार में महिलाएं रात्रि में भी बिना किसी डर-भय के घूमा करती हैं, जो हकीकत से परे है, क्योंकि अब प्रदेश में महिलाओं के लिए दिन में विचरण करना मुश्किल हो गया है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, December 23, 2012, 18:24