Last Updated: Sunday, December 30, 2012, 00:10
ज़ी न्यूज़ ब्यूरो/एजेंसीनई दिल्ली/सिंगापुर : दो सप्ताह पूर्व दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार 23 वर्षीया फीजियोथेरेपी की छात्रा सिंगापुर के एक अस्पताल में शनिवार तड़के जिंदगी की जंग हार गई और उसकी जिंदगी के लिए दुआ कर रहे देशभर के लोग स्तब्ध रह गए। शोक में डूबे लोगों में आक्रोश फिर फूट पड़ा है। जंतर मंतर पर दिवंगत छात्रा को लोगों ने श्रद्धांजलि दी और उसे न्याय दिलाने तक आंदोलन जारी रखने संकल्प लिया। पीड़िता के शव को चार्टर्ड विमान से सिंगापुर से दिल्ली लाया जा रहा है। उसकी मौत के बाद सभी छह आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला भी दर्ज कर लिया गया है और छठे आरोपी अक्षय ठाकुर को 12 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
लोगों में भड़के आक्रोश के फिर हिंसक रूप लेने की आशंकाओं से डरे पुलिस और सुरक्षा तंत्र ने राष्ट्रीय राजधानी की किलाबंदी कर दी। जेएनयू और जंतर मंतर को छोड़कर पूरे शहर में धारा-144 लागू कर दी गई है। शहर में प्रदर्शनों को रोकने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया गया है। राजपथ, विजय चौक और इंडिया गेट की तरफ जाने वाले सभी मार्गो को आम जनता के लिए बंद कर दिया गया। दिल्ली मेट्रो रेल के 10 स्टेशनों को भी बंद कर दिया गया। बंद किए गए 10 स्टेशनों में प्रगति मैदान, मंडी हाउस, बाराखम्बा रोड, राजीव चौक, पटेल चौक, केंद्रीय सचिवालय, उद्योग भवन, रेस कोर्स, जोर बाग और खान मार्किट शामिल हैं।
उधर, छात्र-छात्राओंने जेएनयू से मुनीरका स्थित घटनास्थल तक जुलूस निकाला, फिर निषेधाज्ञा को ठेंगा दिखाते हुए हजारों की संख्या लोग जंतर मंतर पर जुटे और महिलाओं के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए कड़े कानून की मांग करते हुए नारे लगाए। दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भी जंतर मंतर पहुंचकर सहानुभूति दिखाने का प्रयास किया, लेकिन भारी विरोध और नारेबाजी ने उन्हें बैरंग लौटने को विवश कर दिया।
सहमी हुई सरकार ने प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त किया, `हमने आपकी आवाज सुन ली है। आपकी चिंताओं में हम भी आपके साथ हैं।` राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीड़िता के निधन पर शोक जताते हुए देश को महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थान बनाने की दिशा में हरसंभव उपाय करने का वादा किया। राष्ट्रपति मुखर्जी ने पीड़िता को सच्ची नायक बताया। उन्होंने कहा, `मैं युवती की दुर्भाग्यपूर्ण मौत से व्यथित हूं। वह बहादुर और साहसी लड़की थी, जो अंतिम समय तक अपनी गरिमा और जीवन के लिए लड़ती रही।` उन्होंने कहा कि पीड़िता की इस मौत को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए। इस तरह की घटनाएं दोबारा कभी न हों यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार हरसंभव उपाय करेगी।
सामूहिक दुष्कर्म के खिलाफ उमड़ी जन भावनाओं और छात्र-छात्राओं की ऊर्जा को देखते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि देश को सही मायने में बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा, `यह सुनिश्चित करना हम सबके ऊपर है कि हम उसकी मौत को व्यर्थ न जाने दें।` उन्होंने पीड़िता के परिवार व दोस्तों के प्रति गहरी संवेदनाएं जताईं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोगों से कहा, `मैं आपको भरोसा दिलाना चाहती हूं कि आपकी आवाज सुन ली गई है। एक महिला और मां होने के नाते हम आपकी चिंताओं में आपके साथ हैं।`
ज्ञात हो कि 16 दिसम्बर को छह लोगों की दरिंदगी झेलने के बाद गंभीर हालत मेंदिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 11 दिनों तक चले इलाज के बाद शनिवार सुबह उसे सिंगापुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन 13 दिनों से जीवन के लिए संघर्ष कर रही युवती शनिवार तड़के मौत से हार गई। उसका शव विशेष विमान से दिल्ली लाया जा रहा है। वह उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की रहने वाली थी और दिल्ली में फिजियोथेरेपी का प्रशिक्षण लेने के साथ यहीं के एक निजी अस्पताल में नौकरी करती थी। उसने साहस के साथ जिंदगी की जंग लड़ी। पीड़िता का तड़के 4.45 (भारतीय समयानुसार 2.15) बजे निधन हो गया। सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल के अधिकारी केल्विन लोह ने बताया कि निधन के वक्त पीड़िता का परिवार व भारतीय उच्चायोग के अधिकारी मौजूद थे। सिंगापुर में भारतीय उच्चायुक्त टी.सी.ए. राघवन ने कहा कि उसका परिवार सदमे में है। वहीं, भारत सरकार ने कहा कि वह सिंगापुर में पीड़िता के सभी चिकित्सा बिल चुकाएगी।
दिल्ली के अलावा देश के कई प्रमुख शहरों में भी लागों ने प्रदर्शन किया और पीड़िता के परिवार के प्रति सहानुभूति जताई।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बी.एल. जोशी, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी शोक संवेदना जताई और लोगों से धर्य बनाए रखने की अपील की। कोलाकाता में प्रसिद्ध बांग्ला लेखिका एवं सामाजिक कार्यकर्ता महाश्वेता देवी ने कहा, "यह राष्ट्रीय शोक का दिन है। यह न केवल पीड़िता के परिवार की क्षति है बल्कि समूचे देश की क्षति है। समूचे देश को शर्म से अपना सिर झुका लेना चाहिए।" पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने समाज से अपने अंदर झांकने का आह्वान किया।
अभिनेत्री शबाना आजमी ने देश से जागने और महिलाओं के विरुद्ध हिंसा से लड़ने की अपील की। फिल्म बिरादरी ने युवती से सामूहिक दुष्कर्म और 13 दिनों के संघर्ष के बाद उसकी मौत पर अपना आक्रोश ट्विटर पर प्रकट किया। अमिताभ बच्चन ने कहा, `अमानत या दामिनी तो अब सिर्फ नाम भर रह गया है..उसने पार्थिव देह छोड़ दिया, लेकिन उसकी आत्मा हमेशा हमारे दिलों को झकझोरती रहेगी।` शबाना आजमी ने कहा, `और सिंगापुर में वह चल बसी। दिवंगत हो गई। हमारी असमर्थता हमारे चेहरों पर अंकित हो गई। मुमकिन है कि वह हमें जगा दे, जिसकी हमारे देश को जरूरत है। हमें अपनी आत्मा को टटोलना चाहिए। कन्या भ्रूणहत्या, पोषण में असमानता, शिक्षा, स्वास्थ्य, फैसला लेने की क्षमता का अभाव, दहेज की मांग, दुष्कर्मो का सिलसिला। जागो भारत जागो।`
उल्लेखनीय है कि 16 दिसम्बर को दिल्ली में एक चलती बस में छह पुरुषों ने सामूहिक दुष्कर्म के बाद पीड़िता को सड़क किनारे फेंक दिया था। उसे लोहे की छड़ से प्रताड़ित भी किया गया था। मौत से पहले उसके ज्यादातर अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। इस मामले में सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और वे दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। समूचे देश को इन दरिंदों को सख्त से सख्त सजा मिलने का बेसब्री से इंतजार है।
First Published: Sunday, December 30, 2012, 00:10