Last Updated: Thursday, May 31, 2012, 12:54

नई दिल्ली : थलसेना प्रमुख के तौर पर विवादित कार्यकाल पूरा कर जनरल वी.के. सिंह आज अपने पद से सेवानिवृत्त हो गए। नई दिल्ली में एक समारोह में जनरल को भव्य विदाई दी गई। लगभग 26 माह के उनके कार्यकाल में कई ऎसे विवाद उभरे, जिसने जनरल सिंह को मीडिया की सुर्खियां बना दिया।
सेवानिृवत होने से पहले जनरल वीके सिंह ने बुधवार को पुणे में कहा था कि वह चाहते हैं कि उन्हें एक ऐसे सैनिक के तौर पर याद किया जाय जिसने वह काम किया जो सेना के पूरी तरह अनुकूल था।
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में सिंह ने कहा कि मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगा कि मैं एक ऐसे सैनिक के तौर पर याद किया जाना चाहता हूं जिसने वह काम करने की कोशिश की जो सेना के पूरी तरह अनुकूल था। खुद से जुड़े विवादों को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए उन्होंने कहा कि उनके और रक्षा मंत्रालय के बीच किसी तरह के मतभेद नहीं हैं। थलसेना प्रमुख ने कहा कि उन्होंने थलसेना को और ज्यादा प्रभावी, सतर्क और भविष्य के लिए चुस्त बनाने का लक्ष्य तय किया था।
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि हमने थलसेना को उस रास्ते पर ला दिया है । यह ऐसी चीज नहीं है कि जिसे एक या दो सालों में हासिल किया जा सके। यह 15 से 20 सालों में होगा। मुझे यकीन है कि यह जारी रहेगा। थलसेना के ‘गैर-राजनीतिक’, ‘पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष’ और ‘निष्पक्ष’ होने पर जोर देते हुए जनरल सिंह ने कहा कि उसने वही किया जो कहा। यह मेरी या किसी और की थलसेना नहीं है।
उन्होने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में मेरा मानना है कि हमें अपनी सेना पर गर्व होना चाहिए। अपने और सरकार के बीच गलतफहमी की खबरों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ए के एंटनी सशस्त्र बलों को समर्थन देने के मामले में बहुत ही सुलझे हुए इंसान हैं।
जनरल ने कहा कि रक्षा मंत्रालय और हमारे बीच कोई गलतफहमी नहीं है। थलसेना सरकार का हिस्सा है। हम उनमें से एक हैं। हम जो भी कहते हैं उसे सुना जाता है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 31, 2012, 12:54