Last Updated: Sunday, April 15, 2012, 17:55
कभी आफरीन तो कभी फलक, इस तरह बेटियों पर किसी न किसी रूप में कहर बरपाया जाता है यानि बेटियों को बेटों की तुलना में कम तहजीह देना या भार समझने की मानसिकता सदियों पुरानी है जो अबतक चली आ रही है। आखिर क्यों लोगों को बेटे की चाहत बेटी से ज्यादा है।