जल्लाद को भी नहीं पता था कि वह कसाब को फांसी देगा

जल्लाद को भी नहीं पता था कि वह किसको फांसी देगा

जल्लाद को भी नहीं पता था कि वह किसको फांसी देगामुंबई : पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब को फांसी दिए जाने में आज इस हद तक गोपनीयता बरती गयी कि आखिरी वक्त तक जल्लाद को भी नहीं पता था कि वह किसे फांसी देने जा रहा ।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि 26/11 हमले के बाद हुई गिरफ्तारी के बाद से स्थानीय ऑर्थर रोड जेल में ही बंद रहे कसाब को 18 और 19 नवंबर की दरम्यानी रात उसे कड़ी सुरक्षा वाली कोठरी से बाहर निकाला गया ।

अधिकारी ने कहा कि कसाब को अपराध शाखा, त्वरित प्रतिक्रिया दल और भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस के वे अधिकारी एस्कॉर्ट कर रहे थे जो गिरफ्तारी के बाद से ही उसकी सुरक्षा में तैनात थे । कसाब के साथ यह दल 19 नवंबर की अलसुबह पुणे के यरवदा जेल पहुंचा । पुलिस अधिकारी के मुताबिक, जेल अधीक्षक, जेल उपाधीक्षक और डॉक्टर के अलावा किसी भी जेल अधिकारी को आरोपी की पहचान नहीं बतायी गयी थी ।

अधिकारी ने कहा कि जेल अधिकारियों से महज इतना कहा गया कि एक हाई-प्रोफाइल आरोपी को यरवदा लाया गया है । उसकी पहचान नहीं बतायी गयी । कसाब को एक अंडाकार छोटी सी कोठरी में रखा गया था जहां सुरक्षा के लिए आईटीबीपी के जवानों को तैनात किया गया था । (एजेंसी)

First Published: Wednesday, November 21, 2012, 17:51

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