Last Updated: Wednesday, February 15, 2012, 04:12
अहमदाबाद : अहमदाबाद की एक मेट्रोपोलिटन अदालत ने बुधवार को यहां उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें जाकिया जाफरी की शिकायत के संबंध में एसआईटी की अंतिम रिपोर्ट मांगी गई थी। अदालत ने कहा कि वह उनपर तभी फैसला करेगी जब जांच एजेंसी सारे संबंधित दस्तावेजों को सौंपेगी।
आदेश देते हुए मजिस्ट्रेट एम एस भट्ट ने कहा कि इस मोड़ पर रिपोर्ट की प्रतियां मांगने वाले सभी आवेदनों को खारिज किया जाता है और एसआईटी को रिपोर्ट से संबंधित शेष दस्तावेज जमा करने के लिए 15 मार्च तक का समय दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि इन याचिकाओं पर एसआईटी की पूरी रिपोर्ट अदालत को सौंपे जाने के बाद ही फैसला किया जाएगा। रिपोर्ट की प्रति मांगने वाला आवेदन जाकिया जाफरी, तीस्ता सीतलवाड, जनसंघर्ष मंच के कार्यकर्ता मुकुल सिन्हा और गुलबर्ग सोसाइटी दंगा पीड़ितों में से एक ने दायर किया था।
जाकिया के अधिवक्ता एस एम वोरा ने आज एक अन्य आवेदन दायर किया जिसमें मांग की गई कि सीलबंद कवर में सौंपी गई रिपोर्ट को अदालत में खोला जाए और इसकी सामग्री को पढ़ा जाए।
एसआईटी के वकील आर एस जमुआर ने इस आवेदन का विरोध किया। अदालत ने इस आवेदन पर सुनवाई की तारीख 29 फरवरी निर्धारित की है। उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी ने गत आठ फरवरी को सीलबंद कवर में अदालत को रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें कथित तौर पर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और 56 अन्य को इस आधार पर क्लीन चिट दी गई थी कि उनके खिलाफ अभियोग चलाने योग्य कोई साक्ष्य नहीं है।
एसआईटी गठित करने वाली शीर्ष अदालत ने उससे इस बात की जांच करने को कहा था कि क्या गुजरात में साल 2002 में हुए सांप्रदायिक दंगों के पीछे व्यापक साजिश थी। इन दंगों में 1200 से अधिक लोग मारे गए थे। (एजेंसी)
First Published: Thursday, February 16, 2012, 11:04